शिक्षा विभाग में चल रहा गड़बड़झाला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बच्चों की फर्जी उपस्थिति दर्शाकर मिड डे मिल में खेल किया जा रहा था। बीएसए के निरीक्षण में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। स्कूल में बच्चों को फल न बांटने पर पूरे स्टाफ का वेतन रोकने की संस्तुति की है।
अरांव ब्लाक का है मामला
बीएसए सुबह 8.15 बजे अरांव ब्लाक के कंपोजिट स्कूल धर्मपुर पहुंची। उन्होंने शिक्षकों से मिड डे मील में फल वितरण के बारे में पूछा तो वह जवाब नहीं दे सके। बच्चों ने फल वितरण नहीं करने की जानकारी दी। बीएसए ने क्लास में पहुंच कर जब बच्चों से पूछा कि कल कौन-कौन स्कूल नहीं आया था, तो संबंधित बच्चे खड़े हो गए। इसके बाद बीएसए ने उनके नाम पूछकर छात्र उपस्थिति रजिस्टर से मिलाए तो उनकी पिछले दिन की भी हाजिरी लगी हुई थी। बीएसए ने फर्जी हाजिरी एवं अनियमितता पर प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।
साढ़े आठ बजे तक बंद था स्कूल
मदनपुर ब्लाक का प्राथमिक स्कूल नगला प्रेम सिंह सुबह साढ़े आठ बजे तक बंद मिला और कंपोजिट स्कूल कोडरा में एक शिक्षक और शिक्षा मित्र उपस्थित मिले। बीएसए ने बंद मिले स्कूल के पूरे स्टाफ और दूसरे स्कूल में अनुपस्थित चार शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की है।
57 शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र का रोका वेतन
बीएसए अंजली अग्रवाल ने बताया कि जिला समन्वयक और एबीएसए स्कूलों का निरीक्षण कर प्रेरणा पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करते हैं। अप्रैल में एका ब्लाक में 15 शिक्षक, फिरोजाबाद में सात, जसराना में दो, खैरगढ़ में 20, मदनपुर ब्लाक में तीन शिक्षक, नारखी में दो, शिकोहाबाद में तीन और टूंडला में पांच शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र अनुपस्थित मिले थे। संबंधितों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
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