भीषण गर्मी में फिरोजाबाद के छह फीडरों से सर्वाधिक बिजली चोरी की जा रही है। हर माह करीब चार करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो रही है। इसे रोकने के लिए विभाग 83 करोड़ की लागत से आर्मर्ड केबल बिछाने का काम करेगा। शहर में करीब 97 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं। विभागीय रिकार्ड के अनुसार पूरे शहर में करीब 40 मिलियन यूनिट बिजली दी जाती है। इसकी कीमत 20 करोड़ से अधिक है। विद्युत विभाग पूरे माह में 15-16 करोड़ ही राजस्व वसूली कर पा रहा है।
नहीं रुक पा रही बिजली चोरी
अब एलटी या एबीसी बंच केबल काट कर बिजली चोरी करना आसान नहीं होगा। शहर में जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक बिजली चोरी हो रही है, वहां बिजली विभाग द्वारा एक्सएलपी आर्मर्ड केबल बिछाने का कार्य कराया जाएगा। यह केबल काफी मोटी होगी, जिसे लोगों के लिए काटना आसान नहीं होगा। बिजली चोरी रोकने के नाम पर विद्युत विभाग ने करोड़ों को बजट खर्च कर दिया, फिर भी बिजली चोरी का कलंक नहीं मिट सका।
अधिक लाइन लास वाले क्षेत्रों मे बिछेगी केबिल
केंद्र सरकार द्वारा रेवांपेड (रिफार्म्स लिंक्ड रिजल्ट बेस्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर) स्कीम लागू की गई है। योजना के तहत शहरी क्षेत्र में बिजली चोरी पर रोकने के लिए 83 करोड़ के बजट को हरी झंडी मिल गई है। करोड़ों के बजट सबसे अधिक लाइन लास वाले क्षेत्रों में एक्सएलपी आर्मर्ड केबल बिछाने का कार्य कराया जाएगा। वहीं क्षतिग्रस्त एबीसी केबल को बदलने के साथ जिन क्षेत्रों में एलटी लाइन बिछी हैं, वहां एबीसी बंच केबल बिछाई जाएंगी।
हर माह चार करोड़ से अधिक लग रही चपत
शहर में 97 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं। विभागीय रिकार्ड के अनुसार पूरे शहर में करीब 40 मिलियन यूनिट बिजली दी जाती है। इसकी कीमत 20 करोड़ से अधिक है। विद्युत विभाग पूरे माह में 15-16 करोड़ ही राजस्व वसूली कर पा रहा है। इससे हर माह विद्युत विभाग को चार करोड़ से अधिक चपत लग रही है।
दो चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में लाइन हानियां कम करने व बिजली चोरी रोकने पर कार्य किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में सिस्टम को मार्डन बनाने, स्मार्ट मीटर लगाने, नए ट्रांसफारमर व नई लाइनें बनाने कार्य कराया जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति मिल सकेगी।
मॉनीटरिंग के लिए स्वतंत्र एजेंसी नामित
शहर में बिजली चोरी रोकने के लिए करोड़ों के बजट होने वाले कार्य की मॉनीटरिंग के लिए बेप कास स्वतंत्र एजेंसी के रूप में नामित की गई है। कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा कार्य की आवश्यकता व गुणवत्ता की निरंतर मॉनीटरिंग करने के साथ केंद्र सरकार को प्रगति रिपोर्ट भेजी जाएगी। अधिशासी अभियंता शहर आरपी वर्मा ने बताया कि शहर में बिजली चोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार से 83 करोड़ के बजट को मंजूरी मिल गई है। प्रोजेक्ट के तहत शहर में सबसे अधिक लाइन लास वाले क्षेत्रों में एक्सएलपी केबल बिछाने कार्य कराया जाएगा। इसके के लिए जून में ईं-टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
प्रोजेक्ट के तहत स्वीकृत बजट
83.37 - करोड़ का बजट हुआ स्वीकृत
40.64 - करोड़ प्रथम डिवीजन में खर्च होंगे
42.72 - करोड़ से द्वितीय डिवीजन में होंगे कार्य
सर्वाधिक लाइन लास वाले यह सबस्टेशन हुए चिन्हित
68 प्रतिशत - रसूलपुर
59 प्रतिशत - रामनगर
58 प्रतिशत- लेबर कालोनी
52 प्रतिशत - आसफाबाद
45 प्रतिशत - न्यू रामनगर
40 प्रतिशत - पुरुषोत्तम बिहार
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