फिरोजाबाद के एक वृद्ध सांस के मरीज का बीमारी से दम घुटने लगा तो अस्पताल प्रबंधन ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बीमार मरीज का इलाज करते हुए एक लाख से भी अधिक का बिल माफ कर दिया। बुजुर्ग अब ठीक होकर अपने घर पहुंचा है।
आठ साल से था सांस की बीमारी से ग्रसित
गरीबी का दंश और उस पर गम्भीर बीमारी इंसान के लिए नासूर बन जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ फिरोजाबाद के मोहल्ला रामगढ़ स्थित उद्योग मार्केट निवासी 60 वर्षीय समीउद्दीन पुत्र मोहम्मद खां के साथ। वह पिछले आठ वर्षों से सांस की बीमारी से पीड़ित थे। वह मजदूरी व ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बीमारी और लॉकडाउन के बाद उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई। वहीं, उन्हें सांस की तकलीफ अधिक होने लगी। एक माह पूर्व समीउद्दीन अकेले एफएच हॉस्पीटल उपचार के लिए आए। जनरल मेडिसन वार्ड में हॉस्पीटल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर जावेद ने उन्हें देखा और हालात खराब होने पर भर्ती करने को कहा। समीउद्दीन के पास उपचार के लिए इतने रुपए नही थे। जब उन्होंने अपनी परेशानी डॉक्टर जावेद को बताई तो उन्होंने मानवता के नाते मरीज को भर्ती करा दिया।
सांस और दिल की थी बीमारी
डॉक्टर जावेद ने बताया कि मरीज की जांच की गई तो उसे सांस के अलावा दिल से सम्बंधित बीमारी भी निकली। उपचार के बीच समीउद्दीन की हालात बिगड़ रही थी। उन्हें ब्लड इंफेक्शन और सेफ्टीसीमिया की परेशानी भी हो गई। समीउद्दीन को गम्भीर अवस्था मे हॉस्पीटल की इमरजेंसी में भर्ती किया गया। जहां से उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। डॉक्टर जावेद के नेर्तत्व में चिकित्सकीय टीम की निगरानी में उनका सफल उपचार किया गया। उपचार का खर्चा एक लाख रुपयों से अधिक हो चुका था। मरीज की आर्थिक स्थिति के बारे में डॉक्टर जावेद ने एफएच मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल के वाइस चेयरमैन डॉक्टर रेहान फारुक को अवगत कराया। हॉस्पीटल मैनेजमेंट ने मरीज की आर्थिक स्थिति को देख उसका करीब एक लाख रुपए का बिल माफ करा दिया। इस दौरान हॉस्पीटल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर जावेद व अन्य चिकित्सकीय स्टाफ ने भी मरीज की आर्थिक मदद कर सहयोग किया। एफएच मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल मैनेजमेंट के इस नेक कार्य से समीउद्दीन व उनके परिवार ने दुआओं के साथ सभी का आभार प्रकट किया।
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