नोएडा में छात्रों के मध्य अपनेपन की भावना का विकास करने के लिए शनिवार को ‘अपनत्व सप्ताह’’ मनाया गया। जिसमें शिक्षकों, छात्रों को मिल जुलकर और समाज में अपनत्व के विकास हेतु प्रेरित किया गया। इस अपनत्व दिवस का प्रारंभ हवन करके और ईश्वर की प्रार्थना से प्रारंभ किया गया। इस अवसर पर एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय के चांसलर डा अतुल चौहान, एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की चेयरपर्सन डा अमिता चौहान ने अपनत्व के महत्व, शक्ती एवं प्रेरणा के बारे में बताया।
अपने पन की भावना को फिर से खोजना
इस सम्मेलन के दौरान संगठनात्मक उत्कृष्टता के लिए अपनेपन की भावना को फिर से खोजना विषय पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भुवनेश शर्मा ने कहा कि अगर हमें विविधता का ध्यान रखना है तो छात्र का पहले ध्यान रखना होगा। जिस प्रकार पेड़ को तैयार करने के लिए जड़ो एवं बीज पर ध्यान दिया जाता है उसी प्रकार देश को आगे बढ़ाने के लिए छात्र के ज्ञान एंव मूल्य पर ध्यान देना सबसे अहम होना चाहिए। भारत देश को जग गुरू कहा जाता है यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। अगर आप देश को अपना मानते है तो आप उस देश के विकास के लिए अपना योगदान सदैव देना चाहोगे।
देश को मानना चाहिए अपना घर
हरिद्वार के गुरूकुल कांगड़ी के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् भारत की संस्कृति है और इस संस्कृति को बनाए रखने के लिए हमे पूरे देश को अपना घर मानना चाहिए। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे हम देश के विकास में योगदान सबसे बड़े स्तर पर दिया जा सकता है। जो व्यक्ति अपने काम एंव कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से करता है उसका सम्मान पूरा विश्व करता है।
आध्यात्मिकता से आता है अपनापन
स्टिक ग्रुप ऑफ कंपनीस के चेयरमेन डा सुभाष गोयल ने कहा कि जहां प्यार एंव दया होगी वहा सब कुछ अपने आप आसान हो जाता है। यह समझना जरूरी है की किस तरह से अपनेपन की भावना उत्पन की जा सकती है। जिस भी चीज से आप प्यार करते है आप उसको कभी नही छोड़ सकते है। आध्यात्मिकता से अपनापन आता है और हर धर्म केवल प्यार सिखाता है। भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नही रोक सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब छात्र को स्कूल समय से मूल्य के पाठ सीखाए जाऐगे।
दैनिक दिनचर्या को बनाए हिस्सा
आयुष के यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा असीम अली खान ने कहा कि आज का विषय समय के अनुसार बेहद अहम है। कोई भी संस्थान अपनेपन की भावना के बीना आगे नही बढ़ सकता है। हमें पूरे विश्व को अपने परिवार के समान मानना चाहिए और अपनेपन की भावना को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनना चाहिए।
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