नोएडा के सेक्टर-78 स्थित सनशाइन हिल्योस सोसाइटी में जहां की कथित एओए पर एफआईआर दर्ज की गई है। वहां की हकीकत को जानने का प्रयास किया गया। निवासियों ने बताया कि फ्लैट की कीमत का पूरा भुगतान करने के बाद भी बायर्स को मालिकाना हक नहीं मिल सका। 406 फ्लैट वाली इस सोसाइटी में सिर्फ 120 की रजिस्ट्री हो सकी हैं। 286 बायर्स की अब भी रजिस्ट्री नहीं हुई।
8 साल से मालिकाना हक के इंतजार में बायर्स
सनशाइन बिल्डर ने 2010 में निर्माण चालू किया और 2014 में फिटआउट लिया। 2017 में प्राधिकरण से सीसी हासिल की। निवासियों ने RTI के जरिए ये जानकारी जुटाई कि बिल्डर पर लैंड यूज, वन टाइम लीज रेंट, पेनाल्टी और ब्याज को मिलाकर करीब 70 करोड़ रुपए बकाया है। जबकि बायर्स फ्लैट का पूरा भुगतान कर चुके हैं।
मजबूरन निवासियों को National Consumer Disputes Redressal Commission (एनसीडीआरसी) में याचिका दायर की। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर रजिस्ट्री के नाम पर बायर्स से अतिरिक्त पैसों की डिमांड भी करता है। यही नहीं, रेरा के आदेश का पालन भी बिल्डर नहीं कर रहा है।
कैसे शुरू हुआ था विवाद, इसे समझते हैं
निवासियों ने बताया कि बिल्डर ने मार्च में मेंटेनेंस जमा नहीं करने पर नोटिस जारी किए। बिल्डर ने 30 अप्रैल तक का समय दिया और बताया कि आपने दिसंबर 2020 से अब तक मेंटेनेंस चार्ज जमा नहीं किया है। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो आपके ऊपर एक्शन लेते हुए फ्लैट का मेंटेनेंस और जनसेट से पावर बैकअप को रोक दिया जाएगा।
लिफ्ट गिरने का किया था विरोध
सोसाइटी में कई बार लिफ्ट में घटना हो चुकी थी। मई में लिफ्ट गिरा था। वह गिरने लगी इमरजेंसी ब्रेक के जरिए लिफ्ट को रोका गया। इसमें चोट भी आई। इसको लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जा रहा था। इसके बाद ये मामला हुआ। कर्नल सिद्दू ने बताया कि बिल्डर के बाउंसरों ने मारपीट की। हमने थाना सेक्टर-113 में मुकदमा भी दर्ज कराया है।
लोकपाल ने मांगा था तीन साल की बिजली के बिल का ऑडिट
निवासियों ने बताया कि दिसंबर 2020 से पहले मेंटेनेंस प्रीपैड मीटर से काट लिया जाता था। एओए के गठन, प्राधिकरण के नोटिस और हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद मेंटेनेंस देना बंद कर दिया गया। सोसाइटी निवासियों ने कहा कि जनरेटर का बिल हम पे करते हैं। मेंटेनेंस और दबाव बनाने के लिए बिल्डर ने विद्युत लोकपाल में याचिका डाली।
लेकिन, उल्टा लोकपाल ने बिल्डर को स्पष्ट कहा कि आप बिजली का बिल और मेंटेनेंस को एक नहीं कर सकते। पहले तीन साल के बिजली के बिल का ऑडिट रिपोर्ट सबमिट की जाए। इसके बाद भी इस तरह के नोटिस भेजकर निवासियों को परेशान किया गया।
सोसाइटी में डेडिकेटड बिजली कनेक्शन नहीं
बिल्डर की ओर से अब तक डेडिकेटड बिजली कनेक्शन नहीं लिया गया है। बिल्डर ने 2014 में पीवीवीएनएल के साथ 11 केवी डेडिकेटड लाइन के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया था। अनुबंध के तहत 2020 तक लाइन लेनी थी, लेकिन पालन नहीं किया गया। जनसेट पर एक केवीए पर 83 रुपए फिक्स चार्ज किया हुआ है। ये पूरी तरह से अवैध है और लगभग लोगों ने 10 केवीए का पावर बैकअप लिया गया है।
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