उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी योजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य सितंबर 2024 तक पूरा करने के लिए दिन रात काम जारी है। 2600 कामगार और 400 से अधिक मशीनें निर्माण कार्य में लगी हैं। मानसून के बाद कामगारों की संख्या छह हजार तक होगी।
पिछले साल टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) के दो कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के बाद परियोजना स्थल पर जमीनी काम, लेवलिंग और खुदाई का काम पूरा हो चुका है। अब कंस्ट्रक्शन ऊपर की ओर बढ़ रहा है और एयरपोर्ट की संरचनाएं आकार ले रही हैं।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने मीडिया से बातचीत में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब तक हुए निर्माण की जानकारी दी। सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन का कहना है कि जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण कार्य जारी है। 1334 हेक्टेयर में बन रहे एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे का कार्य सितंबर 2024 तक पूरा होना है। इस एयरपोर्ट में 4,000 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे है। एटीसी टॉवर की ऊंचाई 40 मीटर है।
इससे एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एयरपोर्ट का 360 डिग्री व्यू मिलेगा, जो यहां से एयरपोर्ट के रनवे, एप्रॉन और टैक्सीवेज देख सकेंगे। निर्माण कार्य समय से पूरा होने पर एयरपोर्ट पर चार से छह महीने तक के लिए ट्रायल होगा। कामर्शियल यात्री सेवा तय समय में शुरू होगी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. की सीओओ किरन जैन ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। एयरपोर्ट पर शुरुआत में एक करोड़ बीस लाख यात्री सालाना यात्रा करेंगे। चौथे चरण तक एयरपोर्ट पर दो रनवे होंगे और यात्रियों की सालाना संख्या सात करोड़ हो जाएगी। प्रति वर्ष पांच लाख विमानों की आवाजाही होगी।
80 एकड़ में बनने वाले मल्टी मोडल कार्गो हब के लिए एआइ सैट्स के साथ अनुबंध हो चुका है। इसका काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। पहले चरण में कार्गो क्षमता दो लाख पचास हजार मीट्रिक टन होगी। दो चौथे चरण तक बढ़कर बीस लाख मीट्रिक टन हो जाएगी। एयरक्राफ्ट स्टैंड की संख्या भी 28 से बढ़कर 186 हो जाएगी।
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