नोएडा में देर रात लिफ्टर गैंग और पुलिस की मुठभेड़ हुई। जिसमें तीन बदमाशों को पैर में गोली लगी। पुलिस ने अपहरण किए युवक को भी बरामद कर लिया। बदमाशों की चंगुल से छूटे सुधीर ने बताया, "थाना-142 के एडवंट टावर के पास मेरी बहनों में मुझे छोड़कर चली गई। मुझे कालिंदी कुंज कुछ काम से जाना था। वहां खड़ा होकर वाहन का इंतजार कर रहा था। जिसके बाद ये लोग कार से आए। औऱ गाड़ी में लिफ्ट के बहाने बैठा लिया।"
उन्होंने बताया," बदमाश चार घंटे कार में बैठाकर इधर-उधर घुमाते रहे। दो युवक मेरे हाथ रस्सी से बांध दिए। मेरी आंख पर पट्टी लगा दिए। घर वालों को फोन कर खाते में पैसे डलवाए। जिसके बाद एटीएम से जाकर पैसे निकाले। कुछ दूरी पर जाकर सड़क किनारे फेंककर भाग गए "
ADCP आशुतोष द्विवेदी ने बताया, "39 थाना क्षेत्र में सुबह करीब 4 बजे तीन बदमाशों से मुठभेड़ हुई है। जिसके बाद तीनों बदमाशों को पकड़ लिया गया। बदमाशों के कार से एक युवक बरामद किया गया है। जिसके हाथों में रस्सी से बंधी थी। उसकी आंखों पर पट्टी बंधी थी। युवक की पहचान सुधीर कुमार निवासी बदरपुर के रूप में हुई है।"
पूछताछ के बाद बदमाशों ने बताया कि सड़क पर अकेले खड़े वाहनों का इंतजार कर लोगों को निशाना बनाते थे। उनको किराया या फिर लिफ्ट के बहाने कार में बैठाते थे। जिसके बाद लूटपाट करते थे। अबतक नोएडा में 12 घटनाओं को अंजाम दिया था। हाल ही में एक सप्ताह के अंदर दो घटनाओं को अंजाम दिया। जिसमें तमिलनाडु के इंजीनियर से तीन लाख रूपए निकलवाए थे। दूसरा, युवक सत्यम से 85 हजार रुपए निकलवाए थे।
परिवार से पहले अकाउंट में मंगवाए पैसे
सुधीर कुमार ने पुलिस को बताया कि तीनों बदमाशों ने उनको एडवंट टावर से शाम करीब साढ़े छह बजे के आस-पास लिफ्ट दी। इसके बाद तमंचा दिखाकर हाथ और आंख पर पट्टी बांध दी। कार में बंधक बनाकर घुमाते रहे। उसके अकाउंट में पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने घरवालों को फोन कर अकाउंट में पैसे डलवाए। इसके बाद एटीएम से जाकर पैसे निकाले।
पुलिस ने कराया बंधक मुक्त
चार घंटों तक घुमाने के बाद बदमाश सुधीर को सड़क किनारे फेंककर चले गए। जिस समय पुलिस सुधीर के पास पहुंची। वह सड़क किनारे बंधक स्थित में पड़ा था। उसके हाथ बंधे थे। पुलिस ने उसे बंधक मुक्त कराया और मेडिकल के लिए भेजा है।
कार के नंबर को ट्रेस कर पुलिस ने पकड़ा।
ADCP आशुतोष द्विवेदी ने बताया, इससे पहले भी बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद से ही तलाश की जा रही थी। ये लोग जिस सिलेरियो कार से घटना को अंजाम दिया था। CCTV की मदद से कार के नंबर को ट्रेस किया जा रहा था। इसे एक्सप्रेस वे पर देखा गया और तभी से सेक्टर-39 क्षेत्र में सेक्टर-98 में सर्विस रोड ओवर ब्रिज के पास चेकिंग की जा रही थी। वहां से गाड़ी निकलने लगी तो पुलिस ने रुकने का इशारा किया।
लेकिन बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। जिसमें तीनों बदमाशों के पैर में गोली लगी। इनकी पहचान सोनू उर्फ सुमित, योगेन्द्र प्रताप उर्फ योगी पुत्र श्रीपाल, अभि उर्फ रवि शर्मा पुत्र रामफल भोपुरा गाजियाबाद के है। आरोपियों के पास से 3 तमंचा जिंदा व खोखा कारतूस व लूट के 86 हजार रुपए नगद बरामद किए गए है।
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