गौतम बुद्ध नगर की जेवर विधानसभा सीट से सपा-आरएलडी गठबंधन के प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना ट्रैक्टर से नामांकन करने पहुंचे हैं। सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ आरएलडी का दामन थान लिया था।
बता दें कि 4 बार सांसद रहे और भाजपा से मीरापुर के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भड़ाना बीते बुधवार को आरएलडी में शामिल हो गए थे। दिल्ली में रालोद मुखिया जंयत चौधरी के साथ मिलकर भाजपा नेता ने रालोद जॉइन की थी। इस विधानसभा चुनाव में अब वह गुर्जर बाहुल्य इलाके गौतम बुद्ध नगर की जेवर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
गुर्जर बिरादरी में बड़ा कद
हरियाणा के रहने वाले 8वीं पास अवतार सिंह भड़ाना 64 साल के हैं। उनका राजनीतिक सफर लंबा है। कांग्रेस के टिकट वह फरीदाबाद से 3 बार और मेरठ से एक बार सांसद रहे चुके हैं। 2017 में भाजपा से मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और बहुत कम वोटों से वह चुनाव जीत सके। योगी सरकार में वह अपनी अनदेखी मानते रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा की फरीदाबाद सीट से कांग्रेस के सिंबल पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गए।
योगी सरकार में रही गुर्जरों की अनदेखी
योगी सरकार में गुर्जर अपनी अनदेखी मानते रहे। वेस्ट यूपी में 15 सीटों पर गुर्जरों का वोट बैंक मजबूत है। 2017 से ही वह प्रदेश सरकार में मंत्री बनने की दौड़ में थे। लेकिन वेस्ट यूपी से किसी भी गुर्जर नेता को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया। सम्राट मिहिर भोज के नाम पर गौतमबुद्धनगर में हुए विवाद के बाद गुर्जर बिरादरी भी भाजपा से छिटकने लगी है।
गौतम बुद्ध नगर के जेवर में आना-जाना बढ़ा
विधानसभा चुनाव की तैयारी होते ही पूर्व सांसद व भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना का गौतम बुद्ध नगर में आना-जाना बढ़ता गया। कई बार वह जेवर विधानसभा के गांवों में भी पहुंचे। जहां जाट व गुर्जर बिरादरी के लोगों के कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
उन्होंने पहले ही साफ जाहिर कर दिया था की वह जेवर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व में इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा। 2017 के चुनाव में भाजपा के धीरेंद्र सिंह ने पूर्व मंत्री वेदराम भाटी को हराया। गठबंधन के बाद अब बताया जा रहा है कि नोएडा सपा व जेवर रालोद के खाते में जा रही है।
अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए
22 सितंबर 2021 को गौतम बुद्ध नगर के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण होना था। इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। सीएम के आने से पहले मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर हटा दिया। जिसके बाद गुर्जर भड़क गए। योगी सरकार के खिलाफ गुर्जर बगावत पर उतर आए। अगले दिन चिटहेरा गांव में 25 हजार से अधिक गुर्जरों की पंचायत हुई। जिसमें अवतार सिंह भड़ाना भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। भाजपा विधायक भड़ाना अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ उतर आए।
बिना विधायक पहली बार बने थे मंत्री
अवतार भड़ाना वेस्ट यूपी और हरियाणा में राजनीति में बड़ा नाम है। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत भी ऐसी रही। 1988 में वह बिना विधायक के हरियाणा में देवीलाल की सरकार में शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री रहे। उसके बाद से 3 दशक तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शुरुआती दौर में ही वह विपक्षियों पर हावी हाते थे। 1999 के लोकसभा चुनाव में 15 दिन में ही मेरठ की लोकसभा सीट निकाल ले गए थे।
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