तुर्किये में भूकंप से गिरी इमारतों के मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए भारत सरकार ने अपने सबसे प्रशिक्षित डॉग भेजे हैं। इनके नाम हैं हनी और रेम्बो। ये दोनों गाजियाबाद में NDRF की आठवीं बटालियन का हिस्सा हैं। पहली बार इन्हें इंटरनेशनल लेवल के ऑपरेशन पर तुर्किये भेजा गया है।
ये दोनों खोजी डॉग 10 से 12 फीट नीचे मलबे में दबे लोगों को भी ढूंढ निकालते हैं। खासतौर से इस तरह की आपदाओं के लिए NDRF ने ये दोनों डॉग डेढ़ साल की ट्रेनिंग देकर तैयार किए थे।
भारत से अब तक छह विमानों में राहत सामग्री लेकर 300 जवान रवाना किए जा चुके हैं। इसमें NDRF के 101 और इंडियन आर्मी के 199 जवान हैं। गाजियाबाद की NDRF बटालियन को तुर्किये में भूकंप के प्रमुख केंद्र पर रेस्क्यू की जिम्मेदारी दी गई है।
C-17 ग्लोबमास्टर से तुर्किये गए दोनों डॉग
NDRF की आठवीं बटालियन गाजियाबाद में दिसंबर-2016 में देशभर की 12 बटालियन से 28 श्वान आए थे। डेढ़ साल तक इनकी ट्रेनिंग हुई और फिर परीक्षा हुई। परीक्षा में 28 में से जो 15 डॉग उत्तीर्ण हुए, उनमें लैबरा प्रजाति के हनी और रेम्बो भी थे। इन दोनों ने अपनी परीक्षा में लाइव विक्टिम को खोज निकाला था। इसके बाद इन्हें NDRF के बेड़े में शामिल किया गया।
NDRF प्रवक्ता नरेश चौहान ने बताया, हनी और रेम्बो भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान से तुर्किये भेजे गए हैं। वहां ये NDRF की 101 सदस्यीय टीम के साथ मलबे में दबे लोगों को बाहर निकलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दोनों डॉग के साथ इनके हैंडलर भी गए हैं।
शाहबेरी-मसूरी में बचाई थीं कई जानें
जुलाई–2018 में ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में दो बिल्डिगें एक साथ गिरी थीं। इसमें कई लोग मरे थे और बड़ी संख्या में लोग मलबे में दबे थे। NDRF के इन्हीं दोनों डॉग्स ने कई लोगों को सुरक्षित निकालकर नई जिंदगी दी थी। शाहबेरी के कुछ दिन बाद ही गाजियाबाद के मसूरी में चार मंजिला बिल्डिंग गिरी थी। इस ऑपरेशन में भी खोजी श्वान हनी और रेम्बो ने कई लोग बचाए थे।
ग्वालियर के टेकनपुर में है श्वान का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर
खोजी श्वान को ट्रेनिंग देने का सबसे बड़ा सेंटर मध्यप्रदेश के जिला ग्वालियर स्थित टेकनपुर में है। इस ट्रेनिंग सेंटर को BSF संचालित करता है। यहां पर मिलिट्री, पैरा मिलिट्री के अलावा कई राज्यों की पुलिस के खोजी डॉग भी ट्रेंड किए जाते हैं। देशभर की ज्यादातर मिलिट्री-पैरा मिलिट्री फोर्सेज में यहीं के ट्रेंड खोजी डॉग भेजे जाते हैं। इतना ही नहीं, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, घाना, मॉरीशस और श्रीलंका के डॉग्स भी टेकनपुर सेंटर में प्रशिक्षण लेते हैं।
भारत से अब तक छह विमानों में तुर्किये-सीरिया पहुंची मदद
राजदूत बोले– जरूरत में काम आने वाला ही सच्चा दोस्त
भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने भारत सरकार की सहायता की पेशकश के लिए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करके कहा– ‘जरूरत के समय काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है’।
NDRF को सबसे प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू का जिम्मा मिला
NDRF आठवीं बटालियन गाजियाबाद को तुर्किये में भूकंप के केंद्र और सबसे प्रभावित क्षेत्र गाजीअंतेप में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने का टास्क मिला है। अदाना एयरपोर्ट से इस पॉइंट की दूरी करीब तीन किलोमीटर है। ये जानकारी NDRF प्रवक्ता नरेश चौहान ने दी है।
साढ़े 6 टन दवाइयां लेकर सीरिया पहुंचा विमान
अब तक भारत सरकार छह विमानों से तुर्किये और सीरिया में मदद पहुंचा चुकी है। सीरिया में भारतीय वायुसेना का विमान C-130 छह टन इमरजेंसी राहत सामग्री, जीवन रक्षक दवाइयां, अन्य इमरजेंसी मेडिकल आइटम्स लेकर पहुंच गया है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.