कपिल के बालों ने फांसी तक पहुंचाया:गाजियाबाद में रेप-हत्या के वक्त बच्ची की मुट्ठी में फंस गए थे बाल, फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुई पुष्टि

गाजियाबाद3 महीने पहले
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ये कपिल कश्यप है, इसे 9 वर्षीय बच्ची की रेप के बाद हत्या करने के जुर्म में गाजियाबाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। - Dainik Bhaskar
ये कपिल कश्यप है, इसे 9 वर्षीय बच्ची की रेप के बाद हत्या करने के जुर्म में गाजियाबाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।

गाजियाबाद की पॉक्सो कोर्ट ने 9 साल की बच्ची की अपहरण के बाद रेप और हत्या करने वाले कपिल कश्यप को बुधवार को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा है कि दोषी को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाया जाए। पुलिस को घटनास्थल पर बच्ची के दाएं हाथ की मुट्ठी में जो बाल मिले, वे दोषी कपिल के थे। ये बात फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट से पुष्ट हुई। यही सबसे अहम सुबूत था, जो कपिल को फांसी की सजा तक ले गया। ये वारदात मोदीनगर क्षेत्र में हुई थी।

सबसे पहले तारीखों में पूरा घटनाक्रम समझें

  • 18 अगस्त 2022 को बच्ची की रेप के बाद हत्या हुई।
  • 19 अगस्त 2022 को थाना मोदीनगर पर FIR हुई।
  • 25 अगस्त 2022 को पुलिस ने चार्जशीट पेश की।
  • 14 सितंबर 2022 को कोर्ट में चार्ज फ्रेम किए गए।
  • 23 सितंबर 2022 से कोर्ट में का ट्रायल शुरू हुआ।
  • 13 मार्च 2023 को कोर्ट ने कपिल को दोषी करार दिया।
  • 15 मार्च 2023 को दोषी कपिल को फांसी की सजा सुनाई।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बयां की बर्बरता

MMG हॉस्पिटल के डॉक्टर विपिन चंद्र उपाध्याय ने बच्ची का पोस्टमॉर्टम किया। PM रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट के अनुसार, जब शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया, तब मृतका के शरीर में अकड़न मौजूद थी। उसके नाखून नीले पड़े हुए थे। चेहरा कन्जेस्टेड था। नाक में खून मौजूद था। नीचे वाले होठ पर काटने का आधा सेमी का निशान मौजूद था।

गर्दन के पीछे दाईं साइड तरफ, दाएं हाथ पर खुरचने के निशान थे। मृतका की हाइमन झिल्ली फटी हुई थी। उसके आस-पास ब्लड मौजूद था। गर्दन के सामने की तरफ कन्ट्यूजन का निशान था। आंतरिक परीक्षण में दिमाग और आर्टिनरी कन्जेस्टेड थे। ट्रैकिया डैमेज और टूटी हुई थी। दोनों फेफड़े फूले हुए थे। पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह गला घोंटने के कारण एक्सीडिया बताई गई।

आइसक्रीम खिलाने के बहाने किया था दो बच्चियों का किडनैप
18 अगस्त 2022 की शाम करीब छह बजे 5 और 9 साल की दो बच्चियां घर के बाहर खेल रही थीं। तभी कपिल कश्यप नामक व्यक्ति साइकिल लेकर आया। उन्हें आइसक्रीम खिलाने के बहाने अपने साथ जंगलों में ले गया और फिर नहीं लौटा। ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की तो 5 वर्षीय बच्ची बदहवास और 9 वर्षीय बच्ची मृत अवस्था में मिली।

पुलिस ने कपिल कश्यप को गिरफ्तार किया। आरोपी ने कुबूल किया कि उसने रेप के बाद पकड़े जाने के डर से बच्ची को गला दबाकर मार डाला था। वो दूसरी बच्ची से भी रेप करने वाला था, लेकिन वो छूटकर भाग गई थी। इस वारदात के 209वें दिन पॉक्सो कोर्ट ने दोषी कपिल कश्यप को फांसी की सजा सुनाई है।

विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा और पैरोकार हेड कांस्टेबल मनोज कुमार।
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा और पैरोकार हेड कांस्टेबल मनोज कुमार।

कोर्ट में 5 महीने 27 दिन तक चली सुनवाई
पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया, इस केस में अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 14 गवाह प्रस्तुत किए गए थे। 5 महीना 27 दिन तक कोर्ट में इस केस पर सुनवाई चली। कोर्ट के पैरोकार हेड कांस्टेबल मनोज कुमार ने भी इस केस का ट्रायल पूरा कराने में अपनी भूमिका निभाई।

जिसका नतीजा ये रहा कि बेहद जल्द फैसला आया और दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई। संजीव बखरवा ने बताया कि महज डेढ़ महीने के भीतर उन्होंने मजबूत पैरवी करके रेप-हत्या के दो मामलों में दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनवाई है, ये एक रिकॉर्ड है।

जानिए किस जुर्म में मिली कितनी सजा

  • अपहरण में 6 साल का कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड।
  • हत्या में आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड।
  • पॉक्सो एक्ट में मृत्युदंड।
  • IPS सेक्शन-323 में एक वर्ष कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड।