तीन कृषि कानूनों समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर 1 साल से चल रहा किसानों का आंदोलन अब खत्म हो सकता है। खबर है कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को ई-मेल के जरिए एक पत्र भेजा है, जिसमें उनकी सभी मांगें मान लेने पर सहमति जताई है। इसके बाद यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत अन्य राज्यों के किसान आंदोलन वापस लेने पर लगभग सहमत हो गए हैं।
सिंधु बॉर्डर पर मंगलवार को SKM की बैठक दिनभर चली। इसमें भी आंदोलन की वापसी पर लगभग सहमति बन रही है। हालांकि, इसका अभी आधिकारिक रूप से ऐलान नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि SKM प्रेस कांफ्रेंस करके किसान आंदोलन की वापसी का ऐलान करेगा।
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत लेंगे फैसला
गाजीपुर बॉर्डर पर SKM की इस बैठक के बाद एकाएक हलचल बढ़ गई है। अपने विभिन्न कार्यों से इधर-उधर गए किसान यहां फिर से जुटना शुरू हो गए हैं। उन्हें अब SKM के फैसले का इंतजार है। गाजीपुर बॉर्डर पर मुख्य मंच का संचालन संभाल रहे किसान नेता चंद्रपाल सिंह ने बताया कि अभी हमें सिंघु बॉर्डर से कोई निर्देश नहीं मिला है। वह राकेश टिकैत के यहां पर आने का इंतजार कर रहे हैं, जो सुबह से सिंघु बॉर्डर पर मौजूद हैं।
हिम्मत गुर्जर बोले- अब जीत के साथ घर वापसी होगी
राजस्थान के किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा, ‘मोदी सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिख कर SKM की सभी मांगों को मानने पर सहमति दी है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सभी किसान संगठनों ने अब किसान आंदोलन स्थगित करने का निर्णय पर लगभग सहमति दे दी है। अधिकारिक घोषणा थोड़ी देर में होगी। अब जीत के साथ घर वापसी होगी।’
पंजाब की 32 जत्थेबंदियों से हुई थी वापसी की शुरुआत
पंजाब की 32 जत्थेबंदियां पिछले 1 हफ्ते से आंदोलन को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं थीं। उन्होंने आंदोलन वापस लेने पर अपनी सहमति जताते हुए आखिरी फैसला SKM पर छोड़ दिया था। उधर, 4 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता युद्धवीर सिंह से एक कमेटी बनाने के लिए कहा था। तभी से यह माना जा रहा था कि किसान जल्द ही घर वापसी कर सकते हैं।
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