गाजीपुर बॉर्डर पर मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे के ऊपर लगा किसानों का मुख्य मंच हट गया है। एक तरह से एक्सप्रेसवे की मुख्य लेन खाली हो गई है। हालांकि एक्सप्रेसवे को खुलने में अभी वक्त लगेगा। एक साल तक धरना चलने की वजह से हाईवे का मेंटीनेंस नहीं हो पाया था। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) पहले इसका मेंटीनेंस कराएगा, तब भारी वाहनों का संचालन शुरू करेगा। हालांकि उम्मीद है कि बाइकों का संचालन 15 दिसंबर के बाद से शुरू किया जा सकता है।
मुख्य मंच हटा, एक्सप्रेसवे की मुख्य लेन हुई खाली
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना 26 नवंबर 2020 से शुरू हुआ था। 11 दिसंबर 2021 से पीएम के आश्वासन के बाद किसानों ने टैंट-तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के अनुसार, 15 दिसंबर तक सारे किसान यहां से चले जाएंगे। टिकैत भी खुद इसी तारीख को अपने घर मुजफ्फरनगर लौटेंगे। बॉर्डर पर दिनरात टैंट हटाने का कार्य चल रहा है। रविवार रात एक्सप्रेसवे के ऊपर लगा धरने का मुख्य मंच भी हटा दिया गया है। एक्सप्रेसवे की मुख्य तीन लेन अब खाली हो गई हैं। एनएच-9 से गाजीपुर मुर्गा मंडी को जाने वाली सर्विस लेन खाली होनी बाकी है। हालांकि ज्यादातर टैंट यहां से भी हट चुके हैं।
NHAI की टीम ने किया हाईवे का सर्वे
NHAI की एक टीम ने रविवार को एक्सप्रेसवे का दौरा किया। यह टीम आज सोमवार को भी गाजीपुर बॉर्डर पर जाएगी। सर्वे करने वाली टीम के अनुसार, टैंट-तंबू लगने से सड़क में तमाम छेद हो गए हैं, इन्हें भरा जाएगा। कुछ जगहों से बैरीकेड्स टूटे हुए हैं। एक्सप्रेसवे अंडरपास के ठीक ऊपर सड़क में दरार दिख रही है। साइड वॉल भी टूटी पड़ी हैं। कुल मिलाकर गाजीपुर बॉर्डर पर एक्सप्रेसवे को मेंटीनेंस की जरूरत है, जो पिछले सालभर से नहीं हो पाई थी। NHAI अधिकारियों का कहना है कि किसानों के हटते ही मेंटीनेंस शुरू कराई जाएगी। तब तक भारी वाहनों का संचालन नहीं होने दिया जा सकता। हालांकि बाइकों का संचालन 15 दिसंबर के बाद शुरू हो सकता है। NHAI का मानना है कि मेंटीनेंस कार्य में कम से कम 10 दिन लग सकते हैं।
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