गाजियाबाद और दिल्ली के बॉर्डर पर NCERT की नकली किताबें छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस पकड़ी गई है। पहले प्रिंटिंग प्रेस और फिर उसके गोदाम पर छापेमारी हुई। दोनों स्थानों से करीब तीन करोड़ रुपए कीमत की नकली किताबें बरामद हुई हैं। दोनों जगहों को सील करके पुलिस की सुपुर्दगी में माल दिए जाने की तैयारी है।
मेलाराम फार्म हाउस परिसर में थी प्रिंटिंग प्रेस
ये पूरी कार्रवाई गुरुवार शाम से NCERT के विजिलेंस हेड कांबोर्ड मीणा के नेतृत्व में शुरू हुई। सूचना थी कि दिल्ली, गाजियाबाद समेत आसपास के शहरों में तमाम दुकानदार NCERT की नकली किताबें बेच रहे हैं। इनपुट इकट्ठा किया गया कि ये किताबें छपती कहां पर हैं। इसके बाद गुरुवार शाम लोनी-दिल्ली बॉर्डर पर स्थित मेलाराम फार्म हाउस परिसर में एक प्रिंटिंग प्रेस में छापा मारा गया। इस कार्रवाई में NCERT की प्रोडक्शन टीम के अलावा दिल्ली और यूपी पुलिस शामिल रही।
तीन प्रिंटिंग और बाइंडिंग मशीन बरामद
पता चला कि इस प्रिंटिंग प्रेस में छपने वाली नकली किताबों की बाइंडिंग गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक गोदाम में हो रही थी। गोदाम पर भी छापामार कार्रवाई हुई। ये पूरी कार्रवाई शुक्रवार रात जाकर पूरी हुई। तीन करोड़ रुपए की किताबें, तीन प्रिंटिंग मशीन, बाइंडिंग मशीन आदि बरामद हुआ है। प्रिंटिंग प्रेस मालिक फरार है। प्रिंटिंग प्रेस का मुकदमा दिल्ली और गोदाम पर कार्रवाई का मुकदमा गाजियाबाद जिले में दर्ज होगा।
क्या है पूरा खेल, समझिए
NCERT अपने अधिकृत विक्रेताओं को किताब बिक्री पर 20 प्रतिशत का कमीशन देती है। जबकि नकली किताब छापने वाले लोग दुकानदारों को यही कमीशन 50 प्रतिशत तक देते हैं। इसके अलावा NCERT सालभर तक अपनी किताबों की डिमांड पूरा नहीं कर पाती। जबकि नकली किताबों के धंधे से जुड़े लोग डिमांड से ज्यादा किताब छापकर बेचते हैं। ज्यादा कमीशन और डिमांड पूरी होने के लालच में दुकानदार नकली किताबों को खरीद लेते हैं। हालांकि छपाई की क्वालिटी पर बात की जाए तो NCERT से बेहतर इन नकली किताबों की क्वालिटी होती है।
कब-कब पकड़ी गईं नकली किताबें
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