गाजियाबाद जिले में पुलिस ने मंगलवार को अवैध पटाखा फैक्ट्री पकड़ी है। पुलिस ने करीब तीन करोड़ रुपए कीमत के पटाखे बरामद किए हैं। साथ ही दो लैब टेक्नीशियन सहित छह आरोपी गिरफ्तार किए हैं। फैक्ट्री मालिक समेत तीन आरोपी फरार हैं। फैक्ट्री को फिलहाल सील कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पूर्व में दिल्ली में अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाता था। साल-2018 में यही गिरोह द्वारा संचालित की जा रही फैक्ट्री में विस्फोट हुआ और इसमें 17 लोग मारे गए थे। इस हादसे के बाद भी गिरोह ने काम नहीं छोड़ा और अब गाजियाबाद में पटाखे बनाए जा रहे थे। यदि विस्फोटक सामग्री मिलाने में जरा सी चूक हो जाए तो पूरा इलाका तबाह हो सकता है।
न कोई एनओसी, न कोई लाइसेंस
क्राइम ब्रांच (स्वाट) आनंद प्रकाश मिश्र ने बताया कि अवैध पटाखा फैक्ट्री मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र में मनन धाम रेलवे फाटक के नजदीक एक बिल्डिंग में चल रही थी। इस फैक्ट्री में विस्फोटक बनाने का काम लैब टेक्नीशियन रवि, संदीप व आकाश करते हैं। यह सान्द्र एसिड (HNo3) में चांदी मिलाकर सिल्वर नाइट्रेट बनाते थे।
फिर सिल्वर नाइट्रेट को एथेनॉल में मिलाकर सिल्वर फल्मीनेट बनाते थे, जो एक तरह का विस्फोटक पदार्थ होता है। इस विस्फोटक को बजरी में मिलाकर पटाखे तैयार हो रहे थे। मैन्युफैक्चरिंग करने वाले राजेश, विष्णु, अरविंद ने पुलिस को बताया कि विस्फोटक युक्त बजरी को वह मशीन में भरकर पटाखे बनाते थे। फिर तैयार पटाखों की पैकिंग करके उन्हें बेचा जाता था। इस फैक्ट्री का मालिक मनीष जैन दिल्ली है। ललित, आशु, तरुण राय इसके पार्टनर हैं। तरुण राय इस फैक्ट्री के लिए नाइट्रिक एसिड, चांदी, एथेनॉल की सप्लाई करता है। पुलिस ने बताया कि इस फैक्ट्री पर न तो पटाखे बनाने, न भंडारित करने और न ही बेचने का लाइसेंस था। इसके अलावा फैक्ट्री ने अग्निशमन समेत किसी भी विभाग से कोई एनओसी नहीं ले रखी थी। कुल मिलाकर यह फैक्ट्री पूरी की पूरी अवैध थी।
यह सामान बरामद हुआ
1200 लीटर एथेनॉल, 200 लीटर नाइट्रिक एसिड, 250 कट्टे बजरी सहित गत्ते के 1000 अनफोल्ड डिब्बे, छोटे-बड़े 40 हजार डिब्बे, 20 प्लास्टिक रोल, तैयार पटाखों की 400 पेटी, तैयार विस्फोटक की 145 थैली, 38 पैकिंग मशीन आदि सामान बरामद हुआ है।
ये आरोपी पकड़े गए
तीन आरोपी हैं फरार
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