कालीचरण महाराज के बाद अब जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया है। यति नरसिंहानंद ने गांधी को गंदगी बताया। उन्होंने हरिद्वार से एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि हमने तय किया था कि गांधी के बारे में नहीं बोलेंगे, लेकिन आज मजबूरी है।
गांधी नाम की गंदगी के कारण कालीचरण महाराज को जिन्होंने गिरफ्तार किया है, उनका मां काली और महादेव समूल नाश करेंगे। नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने बहुत ही बेशर्मी भरा काम किया है।
बता दें कि यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत हैं। 6 दिसंबर को उन्होंने शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी का धर्मांतरण कराया था। साथ ही रिजवी को नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी दिया था।
कालीचरण महाराज ने जो कहा उससे मैं 100 फीसदी सहमत
नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि गांधी के बारे में कालीचरण महाराज ने जो कहा हम उससे सौ फीसदी सहमत हैं। सभी परिस्थितियों में हम कालीचरण महाराज के साथ हैं। हम आशा करते हैं कि जल्द उनकी जमानत होगी और वह बाहर आ जाएंगे, लेकिन अगर उनकी जमानत में देरी की गई, तो हम लोग वहां जाकर उनके लिए संघर्ष करेंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर आमरण अनशन करेंगे। उन्होंने कहा- मैं सभी संतों, भक्तों से कहना चाहता हूं कि कालीचरण महाराज का साथ दीजिए। हर उस व्यक्ति का साथ दीजिए, जो धर्म के लिए लड़ रहा है।
डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं नरसिंहानंद गिरि
नरसिंहानंद गिरि गाजियाबाद के रहने वाले हैं। वह डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर हैं। हाल ही में उनको जूना अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया है। 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में चली धर्म संसद में वह भी शामिल हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट में देश के जाने-माने 76 वकीलों ने जिन 9 साधु-संतों के खिलाफ हेट स्पीच की चिट्ठी लिखी है, उनमें नरसिंहानंद गिरि का भी नाम है। वह अक्सर विवादित बोल के लिए चर्चाओं में रहते हैं। इसके चलते उन पर कई बार मुकदमे भी दर्ज हुए हैं। गाजियाबाद पुलिस ने हाल ही में उन पर गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी की थी। हालांकि प्रशासन ने यह फाइल लौटा दी थी।
क्या कहा था कालीचरण महाराज ने
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई धर्म संसद के समापन के दिन 25 दिसंबर को महाराष्ट्र से आए कालीचरण महाराज ने मंच से गांधीजी के बारे में गलत बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया। इस बयान के चलते 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तार किया गया।
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