गाजियाबाद की भोजपुर थाना पुलिस ने अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। ये हथियार कांशीराम योजना के बंद पड़े फ्लैटों में बनाए जा रहे थे। चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने भारी मात्रा में बने और अधबने हथियार व औजार बरामद किए हैं।
SP देहात ईरज राजा ने बताया, पकड़े गए आरोपी समीर व रिहान निवासी ब्रह्मपुरी मेरठ, सूरज वर्मा निवासी मोदीनगर गाजियाबाद और आर्यन त्यागी निवासी भोजपुर गाजियाबाद हैं। इनसे 315 बोर के 8 तमंचे, 13 अधबने तमंचे, .32 बोर की दो पिस्टल सहित हथियार बनाने में प्रयुक्त औजार मिले हैं।
पांच हजार में तमंचा, 35 हजार में बेचते थे पिस्टल
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चुनाव आते ही अवैध हथियारों की डिमांड बढ़ जाती है। नगर निगम चुनाव के मद्देनजर उन्होंने अभी से हथियार बनाकर उनका स्टॉक रखना शुरू कर दिया था, ताकि चुनाव में डिमांड के अनुसार सप्लाई कर सकें। आरोपियों ने एनसीआर में अभी तक करीब 300 तमंचे बेचने की बात कुबूली है। वे एक तमंचा पांच हजार रुपए और एक पिस्टल 35 हजार रुपए में बेचते थे। पकड़े गए आरोपियों में दो मेरठ में ब्रह्मपुरी के रहने वाले हैं। ब्रह्मपुरी और लिसाड़ी गेट में कई दशक से अवैध हथियार बनाने का काम होता है।
कांशीराम आवासों के बंद फ्लैट में बना रहे थे हथियार
SP देहात ईरज राजा ने बताया कि भोजपुर थाना क्षेत्र के कस्बा फरीदनगर में कांशीराम आवासीय योजना के तहत फ्लैट बने हुए हैं। इसमें कई फ्लैट काफी समय से बंद पड़े हुए हैं। पुलिस की नजरें भी इन फ्लैटों पर नहीं पड़तीं। इसी का फायदा उठाकर आरोपी बंद फ्लैटों में हथियार बनाने का काम कर रहे थे। भोजपुर थाने के इंस्पेक्टर बृजकिशोर गौतम को मुखबिर से इस गैंग के बारे में सूचना मिली और शुक्रवार रात छापामार कार्रवाई करके पूरा गैंग पकड़ा गया है। इन आरोपियों ने किस-किसको तमंचे सप्लाई किए हैं, पुलिस इस बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
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