गाजियाबाद में अनोखा केस:मां ने IVF से एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, CM योगी ने एक दिन पहले ही जारी की थी नई जनसंख्या नीति

गाजियाबाद2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
नेहरुनगर स्थित यशोदा हॉस्पिटल में महिला ने एक साथ 4 बच्चोंं को जन्म दिया।   - Dainik Bhaskar
नेहरुनगर स्थित यशोदा हॉस्पिटल में महिला ने एक साथ 4 बच्चोंं को जन्म दिया।  

उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति जारी होने के एक दिन बाद ही गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है। डॉक्टर के मुताबिक, बच्चों का जन्म IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक से हुआ है। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

मामला नेहरुनगर स्थित यशोदा हॉस्पिटल का है। डॉक्टर शशि अरोरा और डॉक्टर सचिन दुबे के निर्देशन महिला का सफल ऑपरेशन हुआ। दोनों डॉक्टरों का दावा है कि हॉस्पिटल का यह ऐसा पहला केस है। अब जच्चा और उनके चारों बच्चे सुरक्षित हैं। चार बच्चों में एक लड़की व 3 लड़के हैं।

चार बच्चों में एक लड़की व तीन लड़का।
चार बच्चों में एक लड़की व तीन लड़का।

सोशल मीडिया में लोग पूछ रहे सवाल
उत्तर प्रदेश में रविवार को ही जनसंख्या नीति जारी हुई है। इसमें दो बच्चों का नियम बनाया गया है। इस नीति के ठीक एक दिन बाद ही गाजियाबाद में एक महिला को चार बच्चे पैदा हुए हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया में तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं। ज्यादातर यूजर्स ने यही पूछा है कि इस परिवार को अब सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा अथवा नहीं। हालांकि, बताया जा रहा है कि जनसंख्या नीति में जुड़वां बच्चों के लिए विशेष छूट दी गई है।

सोशल मीडिया में तरह-तरह के कमेंट करके CM योगी की नई जनसंख्या नीति पर उठाए सवाल।
सोशल मीडिया में तरह-तरह के कमेंट करके CM योगी की नई जनसंख्या नीति पर उठाए सवाल।

योगी सरकार का जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार
योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने इसे तैयार किया है। यदि ये ड्राफ्ट कानून में बदला तो UP में भविष्य में जिनके 2 से ज्यादा बच्चे होंगे, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। ऐसे लोग कभी चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

ड्राफ्ट की बड़ी बातें

  • दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
  • स्थानीय निकाय और पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ सकते।
  • राशन कार्ड में भी चार से अधिक सदस्यों के नाम नहीं लिखे जाएंगे।
  • 21 साल से अधिक उम्र के युवक और 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों पर एक्ट लागू होगा।
  • जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित पाठ्यक्रम स्कूलों में पढ़ाए जाने का सुझाव भी दिया है।
  • कानून लागू होने के बाद यदि किसी महिला को दूसरी प्रेग्नेंसी में जुड़वा बच्चे होते हैं, तो वह कानून के दायरे में नहीं आएंगी।
  • तीसरे बच्चे को गोद लेने पर रोक नहीं रहेगी। यदि किसी के 2 बच्चे नि:शक्त हैं तो उसे तीसरी संतान होने पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा।
  • सरकारी कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे इस कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे।

क्या है IVF तकनीक ?
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) को पहले 'टेस्ट-ट्यूब बेबी' के नाम से जाना जाता था। इस प्रक्रिया का प्रयोग पहली बार 1978 में इंग्लैंड में किया गया था। IVF ट्रीटमेंट में प्रयोगशाला में कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है, तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है।

खबरें और भी हैं...