अपनों के शव लेने काठमांडू पहुंचे गाजीपुर के परिवार:बॉर्डर पर 13 घंटे रोके गए, DNA से होगी डेड बॉडी की पहचान

गाजीपुर2 महीने पहले

नेपाल प्लेन क्रैश में मारे गए यूपी के 4 युवकों का शव लेने परिवार काठमांडू पहुंच गए हैं। शवों की डीएनए जांच काठमांडू में होनी है। परिवार के लोग सोमवार रात 8 बजे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास पहुंचे थे, लेकिन तब तक बॉर्डर सील हो चुका था। इसके चलते परिवार बॉर्डर पर 13 घंटे तक रुका रहा। मंगलवार सुबह 9:30 बजे बॉर्डर खुला। इसके बाद परिवार के लोग नेपाल की स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ जांच के लिए रवाना हो गए। परिवार अब सभी के शव लेकर भारत लौटेगा।

भारत से 7 लोग नेपाल गए हैं। इसमें सोनू के पिता और भाई, विशाल का भाई, अभिषेक का छोटा भाई और बुआ का लड़का, अनिल के पिता और रिटायर्ड कानूनगो शामिल हैं।

बता दें कि 15 जनवरी को प्लेन क्रैश में सोनू जायसवाल, अनिल राजभर, अभिषेक कुशवाह और विशाल शर्मा की मौत हो गई थी। सभी गाजीपुर के रहने वाले थे और दोस्त थे। चारों 12 जनवरी को नेपाल घूमने गए थे।

नेपाल बार्डर पर परिवार के लोग जांच के लिए जाते हुए।
नेपाल बार्डर पर परिवार के लोग जांच के लिए जाते हुए।

परिवार बस टकटकी लगाकर अपने बच्चों के शवों का इंतजार कर रहे हैं। चारों के परिवारों में मातम पसरा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं किसे समझाए और कैसे चुप कराएं। परिवार वालों को रोता देख सभी के आंखें नम हैं। बेबस परिजनों का कहना है कि भारत सरकार कुछ भी करके हमारे बेटों के शव मंगवा दे।

हादसे के पहले फेसबुक पर लाइव था सोनू
गाजीपुर के युवकों की मौत की सूचना मिलते ही भास्कर की टीम उनके घर पहुंची। सबसे पहले टीम सोनू जायसवाल के घर गई। सोनू वही युवक है जो हादसे से पहले फेसबुक पर लाइव था।

ये फोटो सोनू के परिवार की है। इसमें वह सबसे बाएं दिखाई दे रहा है। फोटो में दोस्त अनिल राजभर (सबसे दाएं) भी दिखाई दे रहा है।
ये फोटो सोनू के परिवार की है। इसमें वह सबसे बाएं दिखाई दे रहा है। फोटो में दोस्त अनिल राजभर (सबसे दाएं) भी दिखाई दे रहा है।

घर में कोई भी टीवी नहीं खोल रहा है
टीम जब सोनू के घर पहुंची, तो वहां सब लोग शांति से बैठे हुए थे। पूछने पर पता चला कि सोनू की पत्नी प्लेन क्रैश की खबर लगते ही बेहोश हो गई थी। उससे हम लोगों ने झूठ बोला है कि सोनू जिंदा है। उसको बस मामूली चोटें आई हैं। जब से मौत की खबर आई है, घर में किसी ने टीवी नहीं खोला है। न कोई फोन चला रहा है। सब जगह सोनू की फोटो चल रही है। उसकी पत्नी देख लेगी तो ये सहन नहीं कर पाएगी।

सोनू परिवार के साथ तिरुपति बालाजी के दर्शन करने गया था। यह फोटो तभी ली गई थी।
सोनू परिवार के साथ तिरुपति बालाजी के दर्शन करने गया था। यह फोटो तभी ली गई थी।

अनिल-सोनू बचपन के दोस्त, हमेशा साथ रहे
सोनू के पिता रविंद्र जायसवाल ने बताया, ‘सोनू और अनिल बचपन के दोस्त थे। अनिल के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है, इसलिए सोनू उसको अपने साथ ही रखता था। दोनों हर जगह साथ ही जाते थे। अनिल हम लोगों की बहुत इज्जत करता था। हर सुख-दुख में साथ खड़ा रहता था। सोनू ने बेटा होने के लिए तिरुपति बालाजी से मन्नत मांगी थी। उसकी मन्नत जब पूरी हुई तो वो परिवार के साथ तिरुपति बालाजी गया था। तब अनिल भी उनके साथ गया था। वहां पर सोनू और अनिल ने भी अपने बाल मुंडवाए थे।

सोनू ने 25 अगस्त को अपनी बेटी का बर्थडे मनाया था।
सोनू ने 25 अगस्त को अपनी बेटी का बर्थडे मनाया था।

अनिल ने उधार लेकर की थी 3 बहनों की शादी
सोनू हमेशा अनिल की मदद करता था। सोनू ने ही अनिल के लिए जन सेवा केंद्र खुलवाया था। तब से अनिल ही सोनू के टिकट और कागजात का काम देखता था। अनिल के पिता राम दरस बकरी पालन का काम करते थे। बाद में पान की गुमटी खोल ली। अनिल की 3 बहनें हैं। अनिल ने पैसे उधार देकर तीनों की शादी की थी। अनिल के जाने के बाद अब पिता का बोझ बढ़ गया है।

सोनू के पिता ने कहा वह हम लोगों से कहकर गया था, ‘घर वापस आने के बाद अप्रैल में परिवार के साथ वैष्णो देवीजी के दर्शन करने चलेंगे। टिकट भी हो गया था। अब हम लोग उन टिकट क्या करें, जब वहां ले जाने वाला ही नहीं रहा।’

ये सोनू के पिता हैं। बहू से सच छिपाने के लिए वो किसी से कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं।
ये सोनू के पिता हैं। बहू से सच छिपाने के लिए वो किसी से कुछ बोल भी नहीं पा रहे हैं।

अब मेरी गोद में कौन सोएगा, बेटा तो चला गया

ये फोटो अनिल के घर की है। मौत की खबर मिलने के बाद से यहां मातम पसरा हुआ है।
ये फोटो अनिल के घर की है। मौत की खबर मिलने के बाद से यहां मातम पसरा हुआ है।

सोनू के पिता से बात करके टीम अनिल ​​​​के घर पहुंची। जहां अनिल के मां और पिता सिर पीट-पीटकर रो रहे थे। अनिल की मां ने रोते हुए कहा, मेरा बेटा पहली बार मुझे बिना बताए इतनी दूर गया और वापस नहीं आया। मेरा बेटा बड़ा हो गया था लेकिन आज भी मेरी गोद में ही सोता था। अब मैं किसको अपनी गोद में सुलाऊंगी। वो तो चला गया है। वो मुझको हर बात बता देता था।

सोचा था अनिल वापस आएगा तो उसकी शादी करेंगे, लेकिन मेरा बेटा तो हम सबको अलविदा कह गया।

ये अनिल के पिता हैं। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद ज्यादा बोल नहीं पा रहे हैं।
ये अनिल के पिता हैं। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद ज्यादा बोल नहीं पा रहे हैं।

दिन-रात मेहनत करके घर चला रहा था अभिषेक
अभिषेक के पिता चंद्रमा कुशवाहा ने बताया, मेरा बेटा सोनू को अनिल की वजह से जानता था। मेरे बेटे का स्वभाव बहुत अच्छा था। हम लोगों के घर की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन अभिषेक दिन-रात मेहनत करके घर चला रहा था। बहनों की शादी में भी उसने बहुत सहयोग किया।

मौत से एक घंटे पहले अभिषेक वाट्सऐप ग्रुप पर एक्टिव था

ये शिवानंद उपाध्याय हैं। इन्होंने बताया, अभिषेक और अनिल अच्छे स्वभाव के थे।
ये शिवानंद उपाध्याय हैं। इन्होंने बताया, अभिषेक और अनिल अच्छे स्वभाव के थे।

कॉमन सर्विस सेंटर के जिला प्रबंधक शिवानंद उपाध्याय ने बताया, अभिषेक और अनिल दोनों ही जनसेवा केंद्र में काम करते थे। मैं दोनों का जानता हूं। दोनों बहुत मेहनती थे। सबकी मदद करते थे। मरने से 1 घंटे पहले तक अभिषेक वाट्सऐप ग्रुप पर एक्टिव था। वो लोगों की समस्याओं को हल कर रहा था। सबको रिप्लाई भी दे रहा था। इन दोनों का जाना हमारे लिए बड़ा नुकसान है।

पहली बार प्लेन में बैठा था विशाल
विशाल के परिवार के लोगों का कहना है, बेटा पहली बार प्लेन में बैठा था और उसके साथ ये हादसा हो गया। वह घर का सबसे छोटा और सबसे लाडला था। जब से नौकरी शुरू की थी तब से घर संभाल रहा था।

ये विशाल का भाई है। भाई की मौत की खबर सुनने के बाद वो बेसुध है।
ये विशाल का भाई है। भाई की मौत की खबर सुनने के बाद वो बेसुध है।

दोस्त ने सुनाई कहानी
अभिषेक, अनिल, विशाल और सोनू की बचपन की दोस्ती थी। इनके ग्रुप के एक और दोस्त जिसका नाम भी विशाल है, ने बताया, ‘हम सभी पांच किलोमीटर की रेंज में रहते हैं। सभी एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। हम सभी एक साथ घूमने जाया करते थे। कभी वाराणसी तो कभी लखनऊ। प्रदेश के बाहर भी साल दो साल में चक्कर लगा लिया करते थे।

नेपाल से दिल्ली, फिर गाजीपुर लाए जाएंगे शव
मामले में तहसीलदार जया सिंह ने बताया कि यूपी के गाजीपुर के चारों युवकों के शवों की शिनाख्त हो गई है। सभी लोगों के शवों का पोस्टमॉर्टम काठमांडू में किया जाएगा। फिर शव दिल्ली भेजे जाएंगे। वहां से शवों को घर भेजा जाएगा।

विमान में 5 भारतीय समेत 14 विदेशी नागरिक थे
विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे। इनमें 3 नवजात और 3 लड़के भी शामिल हैं। एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि विमान के मलबे से अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।

नेपाल प्लेन क्रैश से पहले का VIDEO:गाजीपुर के 4 युवकों की मौत; 3 दिन पहले घूमने गए थे, हादसे के वक्त फेसबुक LIVE थे

नेपाल के पोखरा में रविवार को विमान हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई। इनमें पांच भारतीय भी थे। हालांकि 4 भारतीयों के मौत की ही पुष्टि हुई है। चारों उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के हैं। 5वां यात्री भी यूपी का ही है, लेकिन वो किस जिले से है यह पता नहीं चल सका है। उसके मौत की भी पुष्टि नहीं हुई है। विमान में कुल 72 लोग सवार थे, इनमें 4 क्रू मेंबर्स भी थे।पढ़ें पूरी खबर...

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