यूपी के गाजीपुर में स्मार्टफोन खरीदने के लिए एक नाबालिग ने 9वीं में पढ़ने वाली 14 साल की छात्रा का अपहरण कर 20 हजार में तीन लड़कों को बेच दिया। इसमें उसने अपने एक दोस्त की मदद ली। दोनों लड़के छात्रा के घर मजदूरी कर रहे थे।
छात्रा को खरीदने वालों ने उसके साथ गैंगरेप किया, फिर गंगा में फेंककर भाग गए। हालांकि मछुआरों ने उसे बचाकर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें 4 नाबालिग हैं।
छात्रा के घर मजदूरी करने आया था नाबालिग
पीड़ित छात्रा के मकान का काम चल रहा है। उसके यहां काम करने वाला एक मिस्त्री बीमार हुआ तो उसने अपने नाबालिग बेटे को काम करने भेज दिया। लड़के को स्मार्टफोन खरीदना था, लेकिन पैसे नहीं थे। जब वह काम करने गया तो उसने छात्रा को देखकर उसके अपहरण का प्लान बनाया।
साथी मजदूर से मिलकर की प्लानिंग
मुख्य आरोपी ने अपने नाबालिग दोस्त की मदद से छात्रा को अगवा किया। उसे बाइक पर वाराणसी के चौबेपुर ले गए और अपने तीन दोस्तों को बेच दिया। इन खरीदारों में भी दो नाबालिग हैं। लड़की को बेचने वाला मुख्य आरोपी खरीदारों से पैसे लेकर अपने दोस्त के साथ वापस गाजीपुर आ गया।
खेत में गैंगरेप किया, पुल से फेंका
खरीदार तीनों आरोपियों ने वाराणसी में हाईवे के किनारे गेहूं के खेत में लड़की से गैंगरेप किया। उसे दिनभर साथ लेकर घूमते रहे। देर रात उन्होंने हत्या के इरादे से लड़की को गंगा पुल से नीचे फेंक दिया।
पीड़ित ने परिवार को बताई आपबीती
पीड़ित छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है। उसने परिवार वालों को बताया- 5 मार्च को मैं कोचिंग जा रही थी। तभी मुझे रास्ते में घर पर काम करने वाले दोनों लड़के मिले। मैं वहां से जाने लगी, तो उन लोगों ने मुझे रोक लिया और जबरन बाइक पर बैठा लिया। चिल्लाने पर जान से मारने की धमकी दी।
मुझे नहीं पता था, वे लोग मुझे कहां लेकर जा रहे हैं? करीब 2-3 घंटे के बाद वो लोग एक जगह पर रुके। वहां पहले से 3 लोग खड़े थे। दोनों युवकों ने उन तीनों से पैसे लिए और फिर मुझे वहीं छोड़कर चले गए। मैं उनको रोकती रही, लेकिन वो लोग नहीं रुके।
जिसके बाद तीनों लड़के मुझे जबरन एक खेत पर ले गए। वहां तीनों ने मेरे साथ संबंध बनाए। मेरे मना करने पर भी वो लोग नहीं रुके। संबंध बनाने के बाद मुझे बाइक से पता नहीं कहां-कहां लेकर गए। उसके बाद उन लोगों ने मुझे कुछ खिलाया, जिसके बाद मैं बेहोश हो गई। जब मेरी आंख खुली, तो मैं अस्पताल में थी।
आरोपी बोला- मोबाइल खरीदने के पैसे नहीं थे, इसलिए अपहरण किया
नाबालिग आरोपी ने पुलिस को बताया- मेरे एक दोस्त ने स्मार्टफोन खरीदा है। मुझे भी वैसा फोन लेना था। घर में पापा से मैंने पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हम लोग इतने पैसे वाले भी नहीं है। कुछ दिन पहले पापा की तबीयत बिगड़ गई थी।
पापा उस समय एक घर बनाने का काम कर रहे थे। उनकी तबीयत खराब होने पर मुझे वहां मजदूरी करने जाना पड़ा। मैं 3 मार्च से उस घर में जा रहा था। वहीं पर मैंने इस लड़की को देखा था। जिसके बाद मैंने दोस्त के साथ मिलकर अपहरण का प्लान बनाया।
5 मार्च को हुआ था छात्रा का अपहरण
लड़की का अपहरण और रेप 5 मार्च को किया गया था। हालत गंभीर होने के कारण लड़की बोल नहीं पा रही थी। 1-2 दिन बाद जब हालत में सुधार हुआ, तो लड़की ने पूरी घटना परिवार के लोगों को बताई। इसके बाद 12 मार्च को 5 लोगों के खिलाफ परिवार वालों ने केस दर्ज कराया।
पुलिस ने 4 नाबालिग और एक बालिग आरोपी को 14 मार्च को अरेस्ट किया। नाबालिग आरोपियों की उम्र 16-17 साल के बीच है। चारों को बाल सुधार गृह भेजा गया, बालिग आरोपी को जेल भेजा गया है।
इस पूरी घटना में शामिल पांचों आरोपी गाजीपुर के रहने वाले हैं। ये बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रीशियन और ठेके पर मजदूरी करते हैं। इनमें दो आरोपी पीड़िता के घर में निर्माण का काम करने गए थे। वहीं इन लोगों ने पीड़िता को किडनैप करने का प्लान बनाया था।
6 मार्च को मिली थी घटना की जानकारी
पीड़ित छात्रा के परिवार ने बताया- बच्ची के लापता होने पर हम लोग उसकी तलाश कर रहे थे। दोस्तों-रिश्तेदारों से उसके बारे में पता कर रहे थे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। 6 मार्च को बच्ची के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली। जब हम लोग वहां पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई।
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