गाज़ीपुर में कंपनियों और क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज द्वारा योजनाएं चलाकर लोगों का पैसा जमा कराकर भुगतान न किए जाने से आक्रोशित लोगों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 5 लाख भारतीय नागरिक और 12 सौ से ज्यादा ऑन ड्यूटी सैनिक अपनी मेहनत की जमापूंजी वापस न मिलने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।
बताया कि मोदी सरकार ने बड्स एक्ट बनाकर कम्पनीज एवं क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटीज पर प्रतिबंध लगाते हुए पीड़ितों के भुगतान की गारंटी प्रदान की है , जिसका पालन अधीनस्थ अधिकारी नहीं कर रहे। जिले में भी सक्षम अधिकारी ने अपने कार्यालय पर न पद पट्टिका लगाई है न कोई काउंटर पीड़ितों के आवेदन और भुगतान के लिए खोला है, जो शासनादेश का उल्लंघन है। प्रदर्शन में शामिल रेवतीपुर की रहने वाली मीरा राय ने बताया कि तमाम कंपनियों में जमा हमारे पैसे का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसीलिए हम जिला प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचे हैं। हम जिला प्रशासन से सरकार के निर्देशों के तहत अपने पैसे के भुगतान की मांग करते हैं।
प्रदर्शनकारी श्यामबली और अभिषेक ने बताया कि सरकार इस तरह की तमाम कंपनियों को लाइसेंस देती है, जो गरीबों का पैसा तमाम योजनाओं में जमा करा लेते हैं। इसके बाद पैसा लेकर फरार हो जाते हैं। जब लाइसेंस सरकार देती है, तो भुगतान की जिम्मेदारी भी सरकार की है। प्रदर्शन में मोती प्रजापति, मंगलेश कुमार, जगरनाथ सिंह कुशवाहा, सुभाष, मोहन कुमार, शशिकांत, गोपी सिंह, उमाशंकर, सुनील गुप्ता और केदार राम आदि मौजूद रहे।
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