गाजीपुर में भी नगर निकाय चुनाव को राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं तो जनता भी समस्याओं को लेकर मुखर हो रही है। दैनिक भास्कर ने वार्ड के सभासद, विपक्ष के नेता और जनता से 5 साल के विकास कार्यों की हकीकत के बारे में पूछा। लोगों ने वर्तमान सभासद तथा पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी के सामने ही कूड़ा प्रबंधन, टूटी गलियां, पेयजल सप्लाई और बिजली के मुद्दे उठाए। आईये अब आपको रूबरू कराते हैं वार्ड की जनता, सभाषद और विपक्ष से, सभी ने अपने-अपने मुद्दे बेबाकी से रखे हैं...
पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी बाेले-बनी बनाई सड़कें खोद दी गईं
सबसे पहले हमने बात की नगर पालिका गाजीपुर के चेयरमैन पद के पूर्व सपा प्रत्याशी विवेक कुमार सिंह शम्मी से। उन्होंने कहा " 5 सालों में नगर पालिका क्षेत्र की समस्याएं कई गुना बढ़ गई हैं, बीते 10 सालों में गाजीपुर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। यहां सीवर के नाम पर बनी बनाई सड़कें खोदकर बर्बाद कर दी गई हैं। शहर में 200 मीटर भी आप बाइक से नहीं चल सकते। सड़कें टूट गई हैं, खोद दी गई हैं, नालियां टूट गई हैं, जलभराव की समस्या बनी हुई है। शहरी क्षेत्र में कहीं भी कूड़े का डिब्बा नहीं रखा गया है, जहां लोग कूड़ा रख सकें।"
सभासद बोले- जल निगम ने सड़कें खोदकर छोड़ दीं
नवकापुरा मोहल्ले के सभासद अजय राय ने बताया, " जो भी सड़कें छूटी हुई थीं उन्हें इस कार्यकाल में बनवाया गया है। हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की है। सीवर लाइन के लिए खुदाई किए जाने से तमाम समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। जल निगम सड़क खोदकर पाइप तो डाल देता है लेकिन सड़क को नहीं पाटता। नगर पालिका की कोई मदद नहीं कर रहा। न विधायक न सांसद, जौ पैसा था उससे ही जो काम हो पाया वो कराया गया। "
अब सुनिये स्थानीय लोगों की समस्याएं
स्थानीय निवासी अनिल ने बताया," सभासद तो साफ सफाई के लिए मुस्तैद रहते हैं। जर्जर तारों की वजह से विद्युत समस्या बनी रहती है। हर दूसरे तीसरे दिन जर्जर तारों की वजह से आपूर्ति ठप हो जाती है।
पेयजल पाइप से आता है नाली का गंदा पानी
रोहित यादव ने कहा, " सबसे अधिक दिक्कत हमारे मोहल्ले में पीने के पानी की है। जगह-जगह सड़कों की खुदाई के चलते पाइपलाइन टूट फूट गई है। हम लोगों ने बोतल में गंदे पानी को ले जाकर नगरपालिका के अधिकारियों को दिखाया और अपनी विवशता मजबूरी बतायी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नालियों का पानी घरों में घुस रहा है। पहले कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां आती थीं लेकिन गली खोदकर बर्बाद करने के बाद अब वह गाड़ियां भी नहीं आ रही हैं।
घर से निकलते ही नाली के पानी से गुजरना पड़ता है
अमित कुमार ने बताया, " घर से निकलते ही नाली के पानी का सामना करना पड़ता है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। गाड़ी कभी कभार आती भी है तो बिना रुके चली जाती है, महिलाएं कूड़ा लिये घरों के बाहर खड़ी रहती हैं लेकिन गाड़ी नहीं रुकती। भला ऐसी व्यवस्था का क्या फायदा, जिसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।"
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