सेवराई तहसील क्षेत्र के गोड़सरा गांव स्तिथ हजरत 'छिपा शहीद दादा' की मजार पर सालाना उर्स के मौके पर कव्वालों ने सबको झुमाया। जायरीनों ने असर की नमाज़ के बाद चादरपोशी कर कव्वालियों के साथ जमकर झूमा। मौके पर हजारों की संख्या मे लोग मौजूद रहे। सभी समुदायों के लोग फातिहा व मनौती मांगने आते हैं। मनौती पूर्ण होने पर दादा के दरपर माथा टेकते और चादर चढ़ाते हैं।
हजरत अंजान शहीद दादा की मजार पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गांव वासियों के सहयोग से सालाना उर्स का आयोजन किया गया। मौके पर मौजूद जामा मस्जिद के इमाम ने मजार पर चादर पोशी करवा गागर भरवाई। उसके बाद मीलाद शरीफ का प्रोग्राम हुआ। जिसके बाद रात भर यूपी-बिहार से आए कव्वालों ने कव्वाली का समां बांध दिया। कव्वाल इश्तियाक भारती व रुकसाना बानों ने अपने सुरीली मीठी आवाजों से प्रोग्राम में शमा बिखेर जान ला दी।
गांव वालों के मुताबिक यह ऐतिहासिक अंजान शहीद दादा की मज़ार बरसों पुरानी है। शहीद की मज़ार पर लोगों को मीठा शर्बत व शीरनी बांटा गया। मज़ार पर रंगीन लाईटों से सजाया गया था जो रात भर जगमगाता रहा। जायरीनों ने रातभर उर्स के मौके पर लगे मेले का लुत्फ उठाते हुए जमकर खरीदारी की। इस अवसर पर मुख्य रूप से इब्राहिम खां, फ़रीद खां, अकबर खां, इरफ़ान खां, महबूब खां, शहाब खान, जीशान खां, इमामुद्दीन, हाफ़िज आक़ीब, मुन्ना राम सहित हजारों लोग मौजूद रहे। लोगों ने शहीद दादा के मजार पर चादर पोशी करते हुए दुआएं भी कीं।
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