गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र के विभिन्न गावों में दो साल बाद भी स्थित जर्जर हो चुके परिषदीय स्कूलों की नीलामी सहित उनके ध्वस्तिकरण का काम जिम्मेदारों के उदासीनता के चलते पूरा नहीं हो सका है। निस्प्रयोजित हो चुके भवन में अध्ययन कर रहे बच्चों के सुरक्षित भविष्य लेकर अभिभावक चिंतित नजर आ रहे हैं। इसको लेकर हर समय हादसे का डर भी सताता है।
महकमे के अनुसार जमानियां में 28 विभिन्न परिषदीय स्कूल निस्प्रयोजित चिन्हित किए गए थे, लेकिन अब तक मात्र पांच विद्यालय की नीलामी और ध्वस्तिकरण को अंजाम दिया जा सका है। शेष भवनों के मूल्यांकन धनराशि काफी अधिक होने से नीलामी में कोई शामिल नहीं हुआ। जिस कारण प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया।
जर्जर स्कूलों में पढ़ रहे छात्र
जमानियां क्षेत्र अन्तर्गत 261 विद्यालय हैं, जिनमें 170 प्राथमिक, 38 जूनियर, 53 कंम्पोजिट विद्यालय हैं। जिनमें करीब 32 हजार 420 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन विद्यालयों की नीलामी और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी न होने का कारण लोग स्कूल की अनुमानित लागत काफी अधिक होना बता रहे हैं। महकमें के अनुसार ध्वस्तिकरण के बाद इन जगहों पर नए कमरों का निर्माण कराया जाएगा। ताकि सुरक्षित तरीके से अध्यापन कार्य हो सके।लोगों ने बताया कि अभी भी बहुत ऐसे परिषदीय स्कूल हैं, जहां नौनिहाल जान हथेली पर रख पढ़ने को विवश हैं।
डीएम ने बनाई तीन सदस्यीय टीम
बालेश्वर, अनीश, मोती, सोनू, किशुनदेव, रघुनाथ आदि ग्रामीणों के मुताबिक शासन के निर्देश पर दो साल पहले डीएम ने तीन सदस्यीय टीम बनाई थी। जिन्होंने विद्यालयों के भवनों का मूल्यांकन और धनराशि निर्धारित कर इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी।
डीएम से की शिकायत
आदि ने मांग की निर्धारित धनराशि को कम कर जर्जर स्कूल भवनों की नीलामी और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाए। डीएम आर्यका अखौरी ने बताया कि चिन्हित जर्जर भवनों के निलामी और उनके ध़वस्तीकरण को मूल्यांकन राशि का दोबारा आकलन कर इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.