कर्नलगंज नगर में लगभग 2 वर्षों से संचालित किए जा रहे रामलीला, क्षेत्र में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्रचलित है। नगर की रामलीला में रावण वध दशहरे की लीला का बड़ा ही भव्य मंचन किया जाता है। जिसमें लगभग 30 फुट से भी ज्यादा ऊंची विशालकाय रावण की प्रतिमा का भगवान श्री राम के साथ युद्ध होता है। जिसके बाद अग्निबाणों का प्रयोग कर रावण की प्रतिमा का दहन किया जाता है। जिसकी आज तैयारियां जोरों से थी, लेकिन अचानक खराब हुए मौसम और मूसलाधार हुई बारिश के चलते दशहरे के पर्व पर बरसात का ग्रहण लग गया।
रावण वध दशहरे का पर्व रामलीला मैदान पर बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है। लेकिन आज बारिश के चलते रामलीला मैदान तालाब में तब्दील हो गया, वहीं रावण की विशालकाय प्रतिमा भीग कर बर्बाद हो गई। दशहरा पर्व को मनाने के लिए रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है, साथ ही मैदान की साफ सफाई और कीचड़ तथा जलभराव को भी साफ करा कर जल्द से जल्द व्यवस्था कराई जा रही है।
30 फुट से भी ऊंची होती है रावण की प्रतिमा
कर्नलगंज नगर की रामलीला जिसे ऐतिहासिक कहा जाता है। उस रामलीला का मंचन पूरे 30 दिन तक चलता है और रामलीला में दशहरे का पर्व मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है जिसमें लगभग 30 फुट विशालकाय ऊंची रावण की प्रतिमा का बड़े ही भव्य तरीके से दहन किया जाता है। जिसको लेकर आज तैयारियां जोरों पर थी, लेकिन बरसात के मौसम के चलते रावण वध की लीला पर विघ्न पड़ गया लेकिन रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के उत्साह ने इस समस्या को भी पीछे धकेलना शुरू कर दिया, और बरसात तथा बारिश के बीच रावण वध के मंचन की तैयारियां जारी रखी गई।
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