राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कहे जाने वाले कर्नलगंज नगर में नगर पालिका परिषद का परिसीमन इस समय सुर्खियों का केंद्र बना हुआ है। नगर पालिका परिषद के परिसीमन को लेकर एक तरफ जहां क्षेत्रीय विधायक ने शासन स्तर पर प्रयास किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान प्रतिनिधि ने परिसीमन पर सवालिया प्रश्नचिन्ह खड़े करते हुए आपत्तियां भी लगाई गई। जिसके बाद नगर पालिका परिषद का परिसीमन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है।
परिसीमन को लेकर एक के बाद एक कई आपत्तियों के साथ चेयरमैन व प्रतिनिधि के द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की गई। वहीं दूसरी ओर आपत्तियों के निस्तारण के साथ शासन के विशेष सचिव ने पत्र जारी कर परिसीमन की अंतिम अधिसूचना की घोषणा भी कर दी गई। जिसके बाद अब क्षेत्र की राजनीति में खलबली मची हुई है।
विशेष सचिव के पत्र ने मचाई राजनीतिक खलबली
उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव सुनील कुमार चौधरी ने निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ, आयुक्त देवीपाटन मंडल, जिलाधिकारी गोंडा, अध्यक्ष/अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद कर्नलगंज को पत्र भेजा है। जिसमें सीमा विस्तार किये जाने के सम्बंध में अंतिम अधिसूचना की घोषणा की गई है।
जिसके बाद नगर पालिका परिषद कर्नलगंज में ग्राम पंचायत कर्नलगंज ग्रामीण व राजस्व ग्राम कुम्हरगढ़ी को सम्पूर्ण रूप से शामिल किया गया है। जब कि ग्राम पंचायत सकरौरा ग्रामीण, पिपरी, नरायनपुर माझा, करुआ व ग्राम पंचायत कादीपुर को आंशिक रूप से शामिल है।
परिसीमन पर पूर्व चेयरमैन ने की टिप्पणी
नगर पालिका परिषद के परिसीमन को लेकर एक तरफ जहां शासन के द्वारा हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। वहीं दूसरी और परिसीमन पर सवालिया प्रश्नचिन्ह खड़े करते हुए नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान प्रतिनिधि शमीम अच्छन तथा वर्तमान चेयरमैन रजिया खातून के द्वारा आपत्तियां भी की गई है। यही नहीं आपत्तियों के निस्तारण के बाद चेयरमैन की तरफ से उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की गई जो वर्तमान में लंबित है।
परिसीमन को लेकर चेयरमैन प्रतिनिधि शमीम अच्छन ने नियम विरुद्ध परसीमन का आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर उन क्षेत्रों को छोड़ दिया गया जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे। पूर्व चेयरमैन ने कहा कि परिसीमन सत्ता के दबाव में किया जा रहा है, जो संविधान के नियमों के विरुद्ध है। जिसके बाद उन्होंने रामचरितमानस के दोहे को पढ़कर परिसीमन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि -" परम स्वतंत्र न सिर पर कोई। भावइ मनहि करहु तुम्ह सोई।
क्षेत्र के लोगों ने विधायक को दी बधाई
परसीमन को लेकर एक तरफ जहां राजनीतिक घमासान मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के हिंदू समुदाय के लोगों ने विधायक अजय सिंह को धन्यवाद देते हुए परिसीमन में उनके योगदान पर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया।
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