गोंडा में स्वास्थ्य विभाग में बीपीएम के पद पर कार्यरत 16 संविदा कर्मियों की नौकरी अचानक समाप्त कर दी गई। सीएमओ की तरफ से इसका आदेश जारी किया गया। हटाए गए कर्मियों ने देवी पाटन मंडल के कमिश्नर व अपर निदेशक स्वास्थ्य को ज्ञापन सौंपा और विरोध दर्ज कराया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए जिले के सभी 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) की तैनाती की गई थी। संविदा पर तैनात यह कर्मचारी टीकाकरण से लेकर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र व कोविड वैक्सिनेशन समेत अन्य कामों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
समायोजन का निर्देश दिया था
वर्ष 2018 में एनएचएम के मिशन निदेशक ने इन संविदा कर्मियों के समायोजन का निर्देश दिया था। लेकिन किन्हीं परिस्थितियों के कारण इनका समायोजन नहीं किया गया। कटरा बाजार सीएचसी पर तैनात बीपीएम पंकज उपाध्याय ने बताया कि मिशन निदेशक के निर्देश का अनुपालन न होता देख सभी कर्मचारी हाईकोर्ट चले गए थे।
हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार
हाईकोर्ट ने मिशन निदेशक के आदेश का पालन कराने का आर्डर दिया था। लेकिन अफसरों ने हाईकोर्ट के आदेश को भी दरकिनार कर दिया। उधर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन न होता देख संविदा कर्मियों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। पंकज का कहना है कि इस याचिका के बाद उनपर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था।
सेवा समाप्ति करने का आदेश जारी
इसी को लेकर अचानक सीएमओ डा रश्मि वर्मा ने सभी 16 बीपीएम की सेवा समाप्ति करने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश को लेकर संविदाकर्मियों में आक्रोश है। पंकज उपाध्याय ने बताया कि हटाए गए सभी कर्मियों को देवी पाटन मंडल के कमिश्नर एमपी अग्रवाल व एडी स्वास्थ्य आलोक मिश्रा से मुलाकात की और इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया।
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