गोंडा जिले के बाल संरक्षण गृह से बच्चों को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर आगरा और पटना के दंपती आज सारी औपचारिकता पूरी करके गोंडा पहुंचे, जहां जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार ने दो दंपतियों को बच्चा देकर उनकी सूनी गोद भर दी। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में दोनों दंपतियों से जानकारी प्राप्त की तथा उन्हें बच्चा गोद दिया।
डीएम बोले, बच्चों को प्रदान करें अच्छा माहौल
डीएम ने दंपतियों से कहा कि वे सभी अपने बच्चों की तरह उसका ख्याल रखेंगे। उसकी परवरिश, शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर उसे अच्छे से अच्छा पारिवारिक माहौल प्रदान करें। पोर्टरगंज स्थित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण में संवासित दोनों बच्चों को गोद पाकर आगरा व बिहार राज्य के पटना के दंपती खुश हो गए और सभी को धन्यवाद दिया। दंपतियों ने आश्वस्त किया कि वे बच्चे के परवरिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगें।
जिला प्रोवेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बताया कि ‘कारा’ भारत सरकार द्वारा जारी एडाप्शन रेगुलेशन 2017 के अनुरूप निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर गोद देने की कार्रवाई की गई है। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज भी अपने कार्यालय में परिजनों से मिले। एएसपी ने दोनों बच्चों व उन्हें देने वाले परिजनों के बारे में जानकारी ली तथा बच्चों का ख्याल रखने की बात कही।
कहां मिले थे लावारिस बच्चे
एक नवजात बच्चा मोतीगंज थाना अंतर्गत साढ़े पांच माह पूर्व लावारिस मिला था। वही दूसरा बच्चा नगर कोतवाली जनपद बस्ती अंतर्गत 6 माह पूर्व मिला था, जिसका केंद्र में पालन पोषण किया गया, दोनों बच्चे बालक है। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेमशंकर लाल श्रीवास्तव, चीफ कोआर्डिनेटर उपेन्द्र श्रीवास्तव, वरिष्ठ सहायक अखलाक अहमद, कनिष्ठ सहायक कुबेरराम, संरक्षण अधिकारी नेहा श्रीवास्तव, कार्यक्रम सहायक दीपक दूबे, शिवगोविन्द वर्मा, राजकुमार आर्य, आशीष मिश्रा, सपना श्रीवास्तव, प्रदीप जायसवाल, संजय, राजू चैधरी आदि उपस्थित रहे।
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