गोंडा में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां पर शादीशुदा लोगों को एजेंट मंडप में बैठाकर उनकी दुबारा शादी करवा रहे हैं और सरकारी पैसे से मिलने वाले दहेज को अपने घर में जमा कर रहे हैं। एजेंट गांव के शादीशुदा लोगों को समारोह में कुछ पैसों का लालच देकर ले आते हैं। एजेंट जोड़ों को मिलना वाला दहेज खुद रखते हैं और उनको कुछ पैसे देकर विदा कर देते हैं।
कुछ पैसों के लिए दुबारा मंडप पर बैठ गए
बुधवार को गोंडा में हुए शादी समारोह में 151 जोड़ों का विवाह हुआ। समारोह में आए कन्हैया ने बताया कि उनकी शादी 26 जून 2020 में हो चुकी है। यहां पर तो वो बस पैसे लेने के लिए बैठे हुए हैं। वहीं नवाबगंज से आए अवधेश ने बताया कि उसकी शादी 3 जून को हो चुकी है। यहां पर उनको फिर से शादी करने के लिए बुला लिया गया है। हम लोगों को पैसे भी मिलेंगे।
शादी में आई फातिमा ने बताया कि 22 जुलाई को उनका निकाह हो चुका है। यहां तो किसी एजेंट के कहने पर वो बैठे हुए हैं। राजन खान ने बताया कि 10 अगस्त को उनकी शादी हुई थी, अभी उनको यहां बैठने का पैसा मिलेगा, इसलिए वो यहां आए हुए हैं।
सरकारी पैसों से भर रहा एजेंटों का घर
जिस सरकारी धन को गरीब लड़कियों की शादी में खर्च करना था, उसको एजेंट अपने खाते में जमा कर रहे हैं और पहले से शादीशुदा जोड़ों को बैठाकर लूट कर रहे हैं। बड़ी बात ये है कि सामूहिक विवाह में आने वाले विधायक और मंत्री भी इस फर्जीवाड़ा का पता नहीं लगा पाए। गोंडा में बुधवार को सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ। इसमें 151 कन्याओं का विवाह करवाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रमापति शास्त्री और विधायक प्रभात वर्मा पहुंचे थे।
जांच के लिए मौके पर पहुंचे समाज कल्याण अधिकारी
मामले में समाज कल्याण अधिकारी राकेश चौधरी ने बताया कि गुरुवार को मैं मौके पर जांच करने गया था। कुछ लोगों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि पहले सामूहिक विवाह में नाम पंजीकृत कराए थे, कुछ कारणों से शादी नहीं हो हुई थी, इसलिए अब हो रही है। मामले की जांच की जा रही है।
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