गोंडा जिले की पुलिस अपनी वाहवाही करने में सबसे आगे रहती है। इसके लिए तिल को ताड़ बना देती है। लेकिन जो लोग हैरान परेशान और 60-70 किमी से पीड़ित होकर गोंडा पहुंचते हैं। उनकी बात ना सुनकर केवल जांच में उलझाकर उनको घर बैठने के लिए मजबूर कर देती है। जिसके कारण गोंडा में अपराध तो बढ़ रहे हैं लेकिन कागजी में दिखाई नहीं पड़ते है।
आए दिन कोई न कोई पीड़ित थानों से चक्कर लगाकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचता है। उसको न्याय नहीं मिलता है। बताते चलें एक वर्ष पूर्व नगर कोतवाली क्षेत्र के इमलिया गुरदयाल स्थित शिवपुरी कॉलोनी में एक सिरफिरे ने प्रेमिका सहित माता और पिता की हत्या कर तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी आज तक नहीं हो पाई है।
तीन मामलों में नहीं हुई किसी की भी गिरफ्तारी
दूसरा मामला बहराइच रोड स्थित आसाराम बापू के आश्रम में खड़ी एक कार के अंदर पास की एक बालिका का शव मिला। लेकिन इसके हत्यारे को भी पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई। वहीं तीसरा मामला थाना इटियाथोक अंतर्गत एक गांव के निवासी दावा व्यवसायी की सोमवार को अपहरण कर परिजनों से 4 लाख रुपए फिरौती की मांग की गई। दो दिनों तक परिजन दौड़ते रहे, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई।
रिपोर्ट लिख भी ली गई, तो उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। परिणाम स्वरूप दावा व्यवसायी की हत्या कर उसके गांव के पास ही भूसैले के अंदर छुपा दिया गया था। गुरुवार शाम को उसकी लाश बरामद की गई है। इस तरह से देखा जाए तो गंभीर मामलों में भी गोंडा की पुलिस पुरी तरह से फेल है। केवल वह वाहवाही के लिए फोटो खींचा कर अपना नंबर बढ़ा रही है।
पुलिस के दरबार से बेरंग लौटते हैं फरियादी
हालांकि पुलिस अधीक्षक ने दवा व्यवसायी के अपहरण के घटना को हत्या बताया है की घटना थी जिसमें लालमणि के दोस्त/पड़ोसी नाथूलाल विश्वकर्मा द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर 16 मई की देर शाम इस घटना को कारित किया गया था, नाथूराम द्वारा लालमणि को शराब पीने हेतु बुलाया था जहां पर शराब पीने के दौरान नाथूराम विश्वकर्मा द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर लालमणि विश्वकर्मा की हत्या कर दी गई।
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