शारदीय नवरात्र का पर्व मेहनौन विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक के लिए राहत लेकर आया। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसक झड़प व मारपीट के मामले में आरोपित किए गए मेहनौन बीजेपी विधायक विनय कुमार द्विवेदी समेत 13 लोगों को एमपी एमएलए कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है। दोषमुक्त होने के बाद विधायक ने कहा कि उन्हें न्याय प्रणाली पर-पूरा भरोसा था।
दोनों पक्ष के समर्थकों ने की थी मारपीट
दरअसल मेहनौन के वर्तमान बीजेपीविधायक विनय कुमार द्विवेदी ने वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। मतदान के दिन उनके पैतृक गांव श्रीनगर बाबागंज की पोलिंग पर प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अखिलेश पांडेय से झड़प हो गई थी। इस झड़प के दौरान दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच मारपीट हुई थी। हालांकि मारपीट के दौरान विनय कुमार द्विवेदी मौके पर मौजूद नहीं थे।
इस मामले में अखिलेश पांडेय की तरफ से धानेपुर थाने में जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी रहे विनय कुमार द्विवेदी समेत 13 लोगों के खिलाफ बलबा, मारपीट, तोड़फोड़ समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष मुकदमें से संबंधित साक्ष्य नहीं दे सका।
समर्थकों ने जताई खुशी
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम ने विधायक विनय कुमार द्विवेदी, अभिषेक मिश्रा, ननकन, सीबू उर्फ सोभित, भल्लू उर्फ रामअचल, राजा मुन्ना, राजकमल, बृजेंद्र, छोटकन्ने उर्फवीरेंद्र द्विवेदी, अजय गुप्ता, प्रेमनरायन शुक्ला, अंकित व चंद्रप्रकाश मिश्रा को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया। फैसले के बाद विधायक विनय कुमार द्विवेदी ने प्रसन्नता जगाई और कहा कि उन्हें यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा था। यह भरोसा अब और मजबूत हो गया है। वहीं विधायक के बरी होने के बाद उनके समर्थकों ने भी प्रसन्नता जताई है।
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