गोंडा के उमारिया में बंजर व चकमार्ग की भूमि खाली कराने गयी राजस्व टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। इस मामले में नायब तहसीलदार रंजन वर्मा ने बताया कि दो जगहों पर करीब 12 से 14 बीघा जमीन खाली कराया गया और एक जगह का नक्शा फटने के कारण जिसे खाली नहीं कराया जा सका।
मामला उमारिया गांव के राजस्व गांव एत्मादपुर का है। इस गांव में सरकार के गौ-संरक्षण की योजना को लेकर चयन किया गया। इसके लिए जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी प्रधान व राजस्व टीम को सौंपी गई। पर गांव में खलिहान बंजर बचत नवीन परती मुख्य मार्ग घूर गड्ढा की जमीन गांव के लोगों ने कब्जा कर रक्खा है। पर इन जमीन को पिछले तीन माह से खाली कराने को लेकर प्रधान और उनके प्रतिनिधि लगे हैं। पर सफलता हाथ नहीं लगी।
हल्का लेखपाल मौजूद नहीं रहे
नायब तहसीलदार रंजन के नेतृत्व में राजस्व टीम मौके पर आयी पर हल्का लेखपाल मौजूद नहीं रहे। जहां पर अधिक जमीन है उसे नाप नहीं कराया जा सका और ना ही राजस्व टीम खाली कराने में उत्सुक दिखी। बल्कि दो अन्य छोटे-छोटे घाटे की जमीन को खाली कराया गया। प्रधान प्रतिनिधि अभिषेक ने बताया कि गौशाला के लिए जितनी जमीन जरुरत थी। उतनी जमीन एक जगह थी उस जगह पर राजस्व टीम ने खाली नहीं कराया। इस मामले में नक्शा फटा होने और हल्का लेखपाल गायब होना चर्चा का विषय बना रहा।
2 जगह हटाया गया अवैध कब्जा
इस मामले के बाबत नायब तहसीलदार रंजन वर्मा ने बताया कि दो जगह पर करीब 7-7 बीघा जमीन अवैध कब्जा हटाया गया है। जहां की शिकायत थी वहां का नक्शा फटा था इसलिए नाप नहीं हुआ है। एक तरफ वहां पर भी तार खुलवाया गया है
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