गोंडा से लखनऊ के लिए निकले बदमाशों ने चालक की हत्या कर नदी के किनारे फेंक दिया और कार गोंडा रेलवे स्टेशन पर लाकर लावारिस हालत में खड़ी कर दी। 28 सितंबर की रात लावारिस कार की पुलिस ने जांच की तो कार के अंदर सीट खून से सनी थी। चालक का शव नवाबगंज थाना क्षेत्र के नकहा पुल के नीचे पानी में उतराता मिला।
कार बुक कराने वाले बदमाशों ने चालक की हत्या कर शव नवाबगंज इलाके में फेंक दिया था और कार को गोंडा रेलवे स्टेशन पर खड़ी कर फरार हो गए थे। पुलिस की सूचना पर पहुंचे मृतक चालक के भाई ने शर्ट के आधार पर शव की पहचान की। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
3 लोगों ने बुक कराई थी कार
मृतक चालक के भाई ने पुलिस को बताया कि महराजगंज जिले के कोल्हईपुर गांव का रहने वाला इरफान कार चालक था। वह अपने गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह की कार चलाता था। 26 सितंबर की रात आठ बजे तीन लोगों ने गोरखपुर से लखनऊ जाने के लिए उसकी कार बुक कराई थी।
बुकिंग के बाद इरफान रात 8 बजे गोरखपुर से लखनऊ के लिए निकला था लेकिन कार सवार बदमाशों ने इरफान की हत्या कर शव रास्ते में फेंक दिया और कार को गोंडा रेलवे स्टेशन परिसर में लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए थे। 28 सितंबर को जब रेलवे स्टेशन परिसर में लावारिस कार के खड़ी होने की सूचना पुलिस को मिली तो पड़ताल शुरू हुई।
बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस को कार की सीट पर खून के निशान मिले थे। कार कब्जे में लेकर पुलिस मामले की छानबीन में जुटी थी। नवाबगंज के नकहा पुल के नीचे पानी में शव उतरता मिला। पुलिस ने शव की पहचान के लिए उसके शर्ट को गोरखपुर भेजा तो शव की पहचान कार चालक इरफान के रूप में हुई। मृतक के भाई नजीर अहमद ने गोंडा पहुंचकर इरफान की पहचान अपने भाई के रूप में की। पुलिस बदमाशों की तलाश में जुट गई।
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