उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में लगा इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) प्रदेश मैं नजीर बन गया है। अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी स्मार्ट सिटी की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान गोरखपुर मैं लगे आईटीएमएस को अपनाने का निर्देश दिया।
मंगलवार को अपर मुख्य सचिव नगर विकास विभाग डॉ रजनीश दुबे ने उत्तर प्रदेश के सभी स्मार्ट सिटी की प्रगति के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा प्रगति के बारे में जाना। इस दौरान उन्होंने नगर आयुक्त अविनाश सिंह और आईटीएमएस लगाने वाली कंपनी कॉन्टिनेंटल इंजिनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यों की सराहना की।
शहर में 21 जगहों पर काम कर रहा सिस्टम
साथ ही एक मॉडल के तहत गोरखपुर आईटीएमएस प्रोजेक्ट को सभी स्मार्ट सिटी को अपनाने के लिए कहा गया। दरअसल आईटीएमएस के तहत शहर में 21 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल, 13 स्थानों यातायात सिग्नल के अलावा वाईफाई लगाने की व्यवस्था की गयी है। इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रथम फेज में 9 स्थानों पर दो सिग्नल, छह पर उच्च गुणवत्ता सिस्टम का कार्य पूर्ण हो चुका है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि बाकी बचे हुए चौराहों को जल्द ही इस तकनीक से लैस कर दिया जाएगा। उन्होंने शहर के लोगों से यातायात संबंधी नियमों का पालन करने का भी आह्वान किया।
क्या है ITMS?
इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू होने जा रहा है। यह सिस्टम स्वत: संचालित है। चौराहों पर पुलिसकर्मी नहीं भी होगा, तब भी यह सिस्टम अपना काम करेगा। रेड लाइट जंप करने और बिना हेलमेट बाइक चलाने जैसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के कैमरे आसानी से पकड़ लेंगे।
गाड़ी के नंबर के आधार पर तत्काल ऑनलाइन चालान संबंधित व्यक्ति के मोबाइल फोन पर भेज देंगे। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने पर आईटीएमएस में लगे कैमरे, संबंधित गाड़ी समेत समूचे घटनाक्रम की फोटो तत्काल खींच लेंगे। किसी विवाद से बचने के लिए ऐसी फोटो सिस्टम के सर्वर में एक से डेढ़ महीने तक सुरक्षित भी रहेगी।
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