कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में CBI ने शुक्रवार को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। CBI ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह, तीन सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को हत्यारोपी मान लिया है। इन सभी के खिलाफ CBI ने IPC की धारा 302, 325, 323, 506, 218, 201, 34, 120 b और 149 के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। मनीष अपने कुछ साथियों के साथ गोरखपुर गया था, वहां पुलिसवालों ने होटल में पीट-पीट कर मार डाला था।
उधर, शुक्रवार को आरोपी पुलिस वालों ने अपनी जमानत के लिए कोर्ट में अपील की थी। हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। ऐसे में पुलिस वाले फिलहाल जेल में ही रहेंगे। योगी सरकार की सिफारिश पर CBI ने 2 नवंबर को यह केस अपने हैंडओवर लिया था और जांच शुरू की थी।
मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने कहा, 'मुझे शुरू से ही इस मामले में सिर्फ CBI पर भरोसा था। इसलिए मैं घटना के बाद से ही CBI जांच की मांग कर रही थी। आज आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ चार्जशीट लगना, यह हमारे लिए जीत का एक बड़ा कदम है।
मनीष के दोस्त बोले- जल्द मनीष को न्याय दिला पाएंगे
चंदन सैनी ने कहा, 'हम सबकी जीत का पहला कदम है। CBI ने अपना काम पूरी इमानदारी और पादर्शिता से किया है। अब उम्मीद है कि जल्द ही हम मनीष को न्याय दिला सकेंगे'।
हरबीर सिंह ने कहा, 'गोरखपुर पुलिस ने तो घटना के दिन हम दोस्तों को ही इस केस में फंसाने की ठान ली थी। लेकिन हम सब अपनी सूझबूझ से काफी संघर्षों के बाद इससे निकल सके'।
प्रदीप सिंह ने कहा, 'पुलिस की जांच में पुलिस वालों को सजा मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन सीबीआई ने निष्पक्ष जांच करके यह साबित कर दिया कि दोषी कोई भी हो वो बख्शा नहीं जा सकता'।
अब आरोपी पुलिस वालों दिल्ली ले जाएगी CBI
उधर, CBI अब कोर्ट के समन पर आरोपी पुलिस वालों को यहां से कस्टडी रिमांड पर लेकर दिल्ली के तिहाड़ जेल में दाखिल करेगी। हालांकि, CBI सूत्रों का कहना है कि पुलिस वाले कहां की जेल में रहेंगे, इसका निर्णय कोर्ट लेगा। इससे पहले मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल दिल्ली में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि आरोपी पुलिस वालों को दिल्ली ही ले जाया जाएगा।
SIT नहीं साबित कर सकी थी हत्या
इससे पहले इस मामले की जांच कर रही कानपुर SIT हत्या और गैर-इरादतन हत्या में उलझी हुई थी। इस बीच मृतक के परिवार ने मामले की जांच CBI से कराने की मांग की थी। इसके बाद दो नवंबर को CBI ने इस मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की और सात जनवरी शुक्रवार को टीम ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी।
इस मामले में हत्या का केस तो 28 सितंबर की रात को ही दर्ज हुआ था। पहली गिरफ्तारी 10 अक्टूबर को इंस्पेक्टर जेएन सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा की हुई थी। ऐसे में CBI के पास चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन यानी कि 10 जनवरी तक का ही वक्त बचा था। तय समय में ही CBI ने मामले की जांच पूरी कर इस केस में चार्जशीट दाखिल कर दी।
27 सितंबर की रात हुई थी मनीष की हत्या
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर के रामगढ़ताल इलाके के होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर की रात पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। परिवार वालों ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था। इस मामले में मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने रामगढ़ताल थाने पर तैनात रहे इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्र, राहुल दुबे, विजय यादव, कांस्टेबल कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत सहित छह पुलिसकर्मियों पर पति की हत्या का केस दर्ज कराया है। सभी पुलिसकर्मी वर्तमान में गोरखपुर जेल में बंद हैं।
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