गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC कर्मियों पर हमला करने वाले आरोपी अहमद मुर्तुजा अब्बासी को कल यानी कि सोमवार को सजा सुनाई जाएगी। कोर्ट ने उसे गोरखनाथ मंदिर हमले का दोषी करार दिया है। अप्रैल 2022 में मामले की रिपोर्ट विनय कुमार मिश्रा ने गोरखपुर के गोरखनाथ थाने में दर्ज कराई थी। NIA /ATS की अदालत ने विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने सजा पर सुनवाई के लिए सोमवार 30 जनवरी की तारीख तय की है।
वहीं, इससे पहले इस मामले की जांच कर रही UP ATS ने मुर्तजा को UAPA, (Unlawful Activities, Prevention Act) यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी घोषित की थी। इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है। हालांकि, मुर्तजा को सजा सुनाए जाने से पहले उसके परिवार के लोग घर छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो चुके हैं। फिलहाल मुर्तजा के घर पर कोई नहीं है।
ATS ने की कोर्ट में कड़ी पैरवी
वहीं, इस घटना के एक साल के अंदर कोर्ट का फैसला आने के पीछे UP ATS का इसमें अहम रोल है। क्योंकि, घटना के वक्त ही पकड़े गए मुर्तजा अब्बासी को गिरफ्तार करने के साथ ही इस मामले की जांच UP ATS ने शुरू कर दी थी। तय समय में ही ATS ने मामले की जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी। ATS की कोर्ट में कड़ी पैरवी का ही नतीजा है कि सोमवार को कोर्ट इस मामले में सजा पर सुनवाई करेगा।
बेहद शातिर है मुर्तजा
दरअसल, IIT-मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग करने वाले मुर्तजा से बेहद शातिर है। वह 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर पर नहीं बल्कि देश में किसी बडे हमले की साजिश को अंजाम देने में लगा था। लेकिन, इससे पहले मुर्तजा को इस बात की भनक लग गई कि ATS उसे ट्रैक करते हुए उसके घर तक पहुंच चुकी है। लिहाजा उसके पास अब बचने के लिए वक्त नहीं था। जिसकी वजह से उसने आनन फानन में गोरखनाथ मंदिर पर ही हमला कर डाला।
2 अप्रैल 2022 को मुर्तजा के घर पहुंची थी ATS
दरअसल, खुफिया एजेंसी ने 31 मार्च को ही UP पुलिस को 16 संदिग्धों की प्रोफाइल भेजी थी। इनकी विदेशों से संदिग्ध बातचीत हो रही थी या ट्रांजेक्शन हुए थे। उनमें एक नाम मुर्तजा का भी था। गोरखपुर में रहने वाले मुर्तजा के पिता मुनीर अहद अब्बासी का दावा है कि 2 अप्रैल को उनके घर पर 2 लोग पहुंचे थे। वे सादी वर्दी में थे।
उन्होंने कहा था कि मुर्तजा की तलाश कर रहे हैं। उसके खिलाफ समन जारी हुआ है। कोई 35 लाख रुपए से जुड़ा मामला है। जब अब्बासी ने कागजात मांगे तो मुर्तजा को बुलाने के लिए कहा। कुछ देर बाद दोनों शख्स वापस चले गए। मुर्तजा के परिवार वालों के मुताबिक, गाड़ी नंबर और CCTV फुटेज के आधार पर पता चला कि दोनों शख्स ATS के लोग थे।
ताकि डायवर्ट हो जाए ATS
मुर्तजा के परिवार ने इसकी जानकारी उसे दी तो वह पूरी कहानी समझ गया। उसे पता था कि वह ATS की रडार पर आ चुका है और अब उसका बच पाना मुश्किल है। ऐसे में अगर ATS उस तक पहुंची तो उसके पूरे स्लीपर सेल नेटवर्क का पर्दाफाश हो जाएगा। उसने तत्काल अपनी डिटेल्स मिटा दी, फोन फॉर्मेट कर दिया और एक ऐसा हमला प्लान किया, जिसमें पुलिस उसे गोली मार दे। ताकि ATS को नए मामले में उलझाकर डायवर्ट किया जा सके।
रसूखदार परिवार का बेटा है मुर्तजा
मुर्तजा गोरखपुर के एक रसूखदार परिवार का इकलौता बेटा है। मुर्तजा की फैमली सिविल लाइंस में रहता है। मुर्तजा ने भी किसी मामूली संस्थान से नहीं बल्कि उसने IIT मुंबई से इंजीनियरिंग की है। यहां के स्टूडेंट्स बेहद शॉर्प और होनहार माने जाते हैं।
उसके पिता कई बैंकों और मल्टीनेशनल कंपनियों के लीगल एडवाइजर हैं। चाचा डॉ. केए अब्बासी शहर के एक फेमस डॉक्टर हैं। वह सिविल लाइन पार्क रोड रोड स्थित अब्बासी नर्सिंग होम चलाते हैं। इतना ही नहीं, दादा गोरखपुर के जिला जज भी रह चुके हैं। उनके भाई का नाम शहर के नामी चार्टेड अकाउंटेंट्स में से एक रहा है।
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