नगर निकाय चुनाव से पहले कायस्थों ने सत्ता में अपनी भागीदारी पाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए रविवार को गोरखपुर में आयोजित दो अलग-अलग सम्मेलनों के जरिए कायस्थों ने सत्ता और विपक्ष दोनों को अपनी शक्ति दर्शाने की कोशिश की है। लेकिन, एक-जुटता के पहले कायस्थ समाज ने दो स्थानों पर अलग-अलग कार्यक्रम किया। जिसकी शहर में चर्चा भी रही।
कायस्थ समाज को एकजुट करने के नाम पर दो जगह कार्यक्रम होने से कायस्थ समाज के लोग भी संशय में दिखाई दिए। हालांकि दोनों कार्यक्रम में एक सत्तापक्ष, तो दूसरे पर विपक्ष के समर्थन में होने की चर्चा जोरों पर रही।
महासम्मेलन से पहले निकाली रैली
गोरखपुर क्लब में रविवार को कायस्थ विकास परिषद की ओर से महासम्मेलन का आयोजन किया गया। तो इसके पहले रैली भी निकाली गई। कायस्थों को जागरूक करने और राजनीतिक दावेदारी मजबूत करने के प्रयास में इस कार्यक्र में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह मौजूद रहे। तो वहीं चित्रगुप्त मंदिर में कायस्थ सेना की ओर से पूर्वांचल कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कायक्रम में बतौर मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर सक्सेना उपिस्थत रहे।
गोरखपुर में हैं 1.25 लाख वोटर्स
दरअसल, उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में एक बार फिर जातिगत समीकरण सभी मुद्दों पर हावी दिख रहे हैं। ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम, राजभर और निषाद बिरादरी के वोट बैंक को सहेजने की कोशिश में लगी सभी सियासी पार्टियां उस बड़े वोट बैंक को साधने में जुटी हुई है, जो नगर निकाय चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करता है। गोरखपुर में कायस्थ बिरादरी भी अब अपने समाज के हक और सम्मान को लेकर इस चुनाव से पहले मुखर दिखाई दे रही है।
गोरखपुर महानगर में सवा लाख से अधिक का वोट बैंक माने जाने वाले कायस्थ बिरादरी के लोगों ने आज दो अलग-अलग जगहों पर सम्मेलन आयोजित किया और सियासत में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश की। यहां कायस्थ बिरादरी नगर निकाय चुनाव में हमेशा निर्णायक भूमिका अदा करती है।
नाराज दिख रही कास्थ्य बिरादरी
60 के दशक में गोरखपुर में स्थापित चित्रगुप्त मंदिर सिर्फ गोरखपुर ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल के कायस्थ समाज को राजनीतिक दिशा देता चला आया है। यहां से जिस भी प्रत्याशी को सपोर्ट करने के लिए निर्णय लिया जाता है, यह बिरादरी उसी के साथ खड़ी नजर आती है। लेकिन पिछले कुछ सालों सभी सियासी पार्टियों के द्वारा उपेक्षा से आज का इस बिरादरी के लोग नाराज नजर आ रहे हैं।
गोरखपुर में आयोजित हुए दो कार्यक्रम
वहीं, सूबे में करीब 6 फीसदी कायस्थ वोटर है, जो मौजूदा समय में बीजेपी के साथ मजबूत के साथ जुड़ा हुआ है। गोरखपुर, वाराणसी, बनारस और इलाहाबाद सहित तमाम यूपी के बड़ों शहरों में कायस्थ समुदाय की संख्या 10 फीसदी से अधिक है, जो किसी भी राजनीतिक दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है।
इसी वोट बैंक को सत्ता में भागीदारी दिलाने के नाम पर गोरखपुर में आज दो अलग-अलग जगहों पर सम्मेलन आयोजित किए गए। पहला कार्यक्रम गोरखपुर क्लब में कायस्थ विकास परिषद के द्वारा आयोजित किया गया। जबकि, दूसरा कार्यक्रम चित्रगुप्त मंदिर में कायस्थ सेना के द्वारा आयोजित किया गया।
संशय में दिखे लोग
हालांकि, दोनों कार्यक्रमों का आयोजन कायस्थ बिरादरी के लोगों को एक साथ जोड़ कर सत्ता पक्ष और विपक्ष पर इस बात के लिए दबाव बनाना था कि आरक्षण की स्थिति साफ होने पर नगर निकाय चुनाव में कायस्थों को भी संख्या बल के आधार पर पार्टियां टिकट दे। लेकिन, दो जगह कार्यक्रम होने से कायस्थ समाज के लोग ही संशय में दिखाई दिए।
कायस्थ समाज की उदासीनता अब बदल रही
गोरखपुर क्लब में आयोजित सम्मेलन के दौरान कायस्थ विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वैद्य राजीव सिन्हा ने कहा, जब देश में जातीय राजनीति प्रारंभ हुई, तो समाज के अंदर राजनीतिक उदासीनता को समाप्त करने के लिए परिषद का गठन हुआ था। परिषद कायस्थ समाज को जागरूक करने के लिए इस तरह की रैली करता चला आ रहा है। कायस्थ समाज की उदासीनता अब चेतना में परिवर्तित हो रही है।
समाज की अवहेलना को बर्दाश्त नहीं
राजनीतिक पार्टियां किसी भी तरह से कायस्थ समाज की अवहेलना को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी देता है कि वे कायस्थ समाज को स्थान नहीं देंगे, तो इसका परिणाम भुगतना होगा। कायस्थ राष्ट्रहित के अलावा कहीं नहीं जा सकता है। यही वजह है कि इसे मजबूर साबित करने का प्रयास होता चला आ रहा है. कायस्थ समाज अब जग चुका है. कायस्थ विकास परिषद के विपरीत कार्य करने वालों का वे समर्थन नहीं करते हैं.
राजनीतिक पार्टियां कर रही उपेक्षित
वहीं, चित्रगुप्त मंदिर में कायस्थ सेना की राष्ट्रीय मुख्य संयोजक इं. सुनील श्रीवास्तव ने कहा, पूर्वांचल कायस्थ महासम्मेलन का उद्देश्य कायस्थ समाज को जागरूक करना है। राजनीतिक पार्टियां कायस्थ समाज को उपेक्षित करने का प्रयास कर रही हैं। जो भी पार्टी कायस्थ समाज को उपेक्षित करेगी, उसे कायस्थ समाज सत्ता से उखाड़ फेंकेगा। कायस्थ समाज उसे बर्दाशत नहीं करेगा. उन्हें दूसरों से कुछ लेना-देना नहीं है।
पूरे देश में काम कर रही कायस्थ सेना
कायस्थ सेना पूरे भारत मे कार्य कर रही है। पूरे यूपी में कार्य कर रही है। कायस्थ सेना गोरखपुर में पूर्वांचल कायस्थ महासम्मेलन करा रही है। यूपी के हर जिले में कायस्थ सम्मेलन कराने का कार्य करेगी। पूरे भारत में 22 करोड़ कायस्थ हैं। वो चाहे तो पूरे देश की दशा और दिशा बदलना चाहती है। हम पूरे देश के लिए कार्य करते हैं। आज देश की हालत बद से बदतर है।
आज ये पार्टियां हम लोगों को सत्ता में नहीं आने देना चाहती हैं। क्योंकि उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी। जब देश आजाद हुआ था, तो प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद के अस्तित्व को मिटाने का काम करने वाली राजनीतिक पार्टियों को मिटाने का काम करेंगी।
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