प्रदेश में होने वाला 2022 विधानसभा चुनाव में भले ही अभी कुछ महीने दूर है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अभी से ही पूरी तरह चुनाव प्रचार में जी-जान से जुट गए हैं। बुधवार को कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम और भगवान बुद्ध और बौद्ध भिक्षुओं पर उनका पूरे संबोधन को लेकर यहां के राजनीतिक पंडित जहां विकास के मामले में 7 दशकों से पिछड़ेपन की पीड़ा झेल रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर के रूप में देख रहे हैं, तो वहीं पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को मोदी व योगी के नाम पर बने भाजपा के पक्ष में नए वोट बैंक को सहेजने के रूप में भी देखा जा रहा है।
भगवान बुद्ध और बौद्ध भिक्षु ही रहे पीएम का संबोधन
बुधवार को कुशीनगर में हुई पीएम मोदी की जनसभा का पूरा असर पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बस्ती मंडल सहित वाराणसी और आजमगढ़ मंडल की करीब 92 विधानसभा सीटों पर पड़ने की उम्मीद है। संभवतः इसीलिए प्रधानमंत्री का 20 अक्टूबर को कुशीनगर में कार्यक्रम के बाद सिद्धार्थनगर और वाराणसी में 25 अक्टूबर को लगातार कार्यक्रम लगा है। खास बात यह होगी कि कुशीनगर की तर्ज पर वाराणसी के कार्यक्रम में भी बौद्ध भिक्षुओं को आमंत्रित किया गया है।
इसकी घोषणा खुद बुधवार को पीएम मोदी ने अपने संबोधन में की। वहीं इन तीनों जनसभाओं के जरिए प्रधानमंत्री जहां विकास के लिए अरबों की सौगात दे रहे हैं, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं और परंपरागत वोट बैंक को नई ऊर्जा प्रदान करने के साथ ही बौद्ध धर्मावलंबियों, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित और अनुचित जनजाति, आदिवासी, मुसहर, वनटांगिया आदि को सहने की भी कोशिश करेंगे।
देश में 6 करोड़ बौद्ध भिक्षु
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण व भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा की पूजा- अर्चना के बाद पीएम मोदी आज कुशीनगर में आयोजित लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम के जरिए जिले को एक राजकीय मेडिकल कालेज समेत 180 करोड रुपए से अधिक लागत की 12 परियोजनाओं की सौगात दे गए। जानकार बताते हैं कि अभी तक बहुसंख्यक बौद्ध धर्मावलंबियों का झुकाव बसपा की ओर से था, लेकिन अपने शासनकाल में बसपा सरकार ने कुशीनगर एयरपोर्ट पर योजना शुरू तो किया, लेकिन तमाम विवादों के कारण उस समय इस पर कोई ठोस कार्य नहीं हो सका।
नाथ संप्रदाय और बौद्ध धर्म दोनों जातिभेद मुक्त
जबकि वर्ष 2017 में योगी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाते हुए इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में विस्तार दिया। यहां यह बात बताना जरूरी है कि नाथ संप्रदाय और बौद्ध धर्म दोनों जातिभेद मुक्त हैं। जानकार बताते हैं कि मौजूदा समय में देश में लगभग 6 करोड़ 79 लाख बौधिष्ठ हैं। जबकि पूर्वांचल के कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, लुंबिनी, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, सारनाथ, कौशांबी और वाराणसी में भी यह लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं।
बौधिष्ठ के समर्थन में रहता हैं वाल्मीकि समाज
इसके अलावा वाल्मीकि समाज को अन्य दलित भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के बौद्ध धर्म स्वीकारने के आधार पर बौधिष्ठ के समर्थन में रहते हैं। इसी वोट बैंक को ध्यान में रखकर भाजपा ने जहां कुशीनगर की जनसभा में ढाई लाख से अधिक लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा था। वहीं, इनमें से 5 हजार से अधिक बौद्ध भिक्षु को और 5 हजार से अधिक वाल्मीकि समाज के लोगों को भी लाने की लक्ष्य रखा गया था।
काफी अधिक संख्या में बौद्ध भिक्षु और वाल्मीकि समाज के लोग कार्यक्रम में शामिल भी हुए। पूर्वांचल के राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कुशीनगर एयरपोर्ट के शुरू हो जाने से इस विश्व प्रसिद्ध बौद्धस्थल और पूर्वांचल के विकास को पंख लगना ही है। क्योंकि विश्व मानचित्र पर पहले से स्थापित इस महापरिनिर्वाण स्थली में लगभग 2 दर्जन से अधिक बौद्ध देशों के बौद्ध विहार मौजूद हैं।
बौद्ध देशों से कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी जोर
लेकिन, अभी से एयरपोर्ट के जरिए बौद्ध देशों से कनेक्टिविटी बढ़ने से ना केवल इसके पर्यटन हब बनने का सपना साकार होगा, बल्कि पूरी उत्तर प्रदेश में बौद्ध देशों का पूंजी निवेश भी बढ़ेगा। जिससे यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इतना ही नहीं, इन्हीं 4 मंडलों और सटे बिहार प्रांत के 6 जिलों के सर्वाधिक कामगार संयुक्त अरब अमीरात समेत अमेरिका, म्यांमार, ब्रिटेन सहित विदेशों में जाकर जीविकोपार्जन करते हैं। ऐसे में अब उन्हें आने-जाने में जो सहूलियत होगी, उसका असर केवल उनके ऊपर ही नहीं बल्कि उनके परिजनों पर भी पड़ेगा।
जाहिर सी बात है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी का यह सपना कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में सफर करें, वह भी साकार होगा। बहरहाल यह तो विधानसभा चुनाव ही बताएगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के युद्धस्तरीय विकास कार्यों और मोदी के मैजिक का भाजपा को क्या परिणाम मिलेगा? फिलहाल इसके लिए अभी कुछ महीने इंतजार करना पड़ेगा।
3 जनसभाओं संग 2022 विधानसभा चुनाव का शंखनाद
आपको बता दें कि गोरखपुर मंडल में जहां 28 विधानसभा सीटें हैं तो बस्ती मंडल में 15, जबकि आजमगढ़ मंडल में 21 और वाराणसी मंडल में 28 विधानसभा सीटें मिलाकर इन चारों मंडलों में कुल 92 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में इन 5 दिनों यानी कि 20 से 25 अक्टूबर के बीच पीएम मोदी का इन 4 मंडलों में तीन जनसभा को संबोधित करना विधानसभा चुनाव के शंखनाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
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