गोरखपुर के गीडा के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होकर सीएम योगी ने फरवरी 2023 में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के मद्देनजर पूर्वी यूपी में माहौल बना दिया है।
उन्होंने न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने वाली करोड़ों रुपए की निवेश और विकास परियोजनाओं की सौगात दी बल्कि पूर्वी उत्तर के लिए भावी औद्योगिक विकास की रूपरेखा भी तैयार कर दी। इससे उद्यमियों में विकास की डोर और मजबूत हुई है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर देश-दुनिया के निवेशकों को आकर्षित करने के साथ समानांतर रूप से सरकार का ध्यान प्रदेश के निवेशकों के उत्साहवर्धन पर है। खुद मुख्यमंत्री लगातार गोरखपुर के स्थानीय उद्यमियों से यह आह्वान कर रहे हैं कि वह GIS-2023 में भागीदारी करते हुए और अधिक निवेश को आगे आएं।
यूपी में बना सकारात्मक माहौल
स्थानीय उद्यमियों के अधिकाधिक निवेश से बाहर के उद्यमियों के बीच पहले से बना सकारात्मक माहौल और असरदायी होगा। मुख्यमंत्री की अपील की ठोस वजहें भी हैं। 2017 से उनके नेतृत्व में प्रदेश की कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। निवेश मित्र पोर्टल के सिंगल विंडो पारदर्शी व्यवस्था से निवेशकों को पूर्व में हावी रही लाल फीताशाही से मुक्ति मिली है।
इसी का नतीजा है कि पिछड़ेपन का दंश झेलने वाला गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) अब न सिर्फ स्थानीय बल्कि देशभर के उद्यमियों के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है।
गोरखपुर में आ रही बड़ी कंपनियां
गीडा दिवस समारोह में ही 504 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं को गति मिली तो 1200 करोड़ रुपए के भावी निवेश की परियोजनाओं के लिए 2.42 लाख वर्गमीटर से अधिक भूमि का आवंटन पत्र भी वितरित किया गया।
इन परियोजनाओं में वैश्विक स्तर की प्रतिष्ठित कम्पनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण बेवरेजेस की तरफ से 1071 करोड़ रुपये और सेंट्रल वेयरहाउसिंग की तरफ से 40 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावित हैं।
गोरखपुर बन रहा बिजनेस हब
गीडा में बहुउद्देश्यीय प्लास्टिक पार्क और रेडीमेड गारमेंट की फ्लैटेड फैक्ट्री का शिलान्यास कर सीएम योगी ने करीब 172 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया है। करीब 70 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे प्लास्टिक पार्क में 92 और करीब 34 करोड़ रुपए की लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में 80 यूनिट्स लग सकेंगी।
निवेश और इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को लेकर सीएम ने अफसरों को हिदायत भी दी है कि जिले स्तर पर प्रतिमाह और मंडल स्तर पर हर तीन माह में बैठक कर उद्यमियों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। साथ ही उद्यमियों से अपने लगाव को दर्शाते हुए उनको किसी भी समस्या को लेकर शासन में पत्र लिखने या फोन करने में संकोच न करने को कहा।
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