गोरखपुर में 153 डॉक्टरों के नाम रजिस्टर्ड है कई अस्पताल:स्वास्थ्य विभाग ने जारी की डॉक्टरों की लिस्ट, IMA बोला- पहले अस्पतालों की जांच करें

गोरखपुर4 महीने पहले
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गोरखपुर में 153 ऐसे डॉक्टर हैं, जिनके नाम पर एक से अधिक अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन है। अब स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर ऐसे 153 डॉक्टरों की सूची जारी कर दी है। हालांकि, इस पर नर्सिंग होम एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नाराजगी जताई है।

डॉक्टरों का कहना है, जारी सूची में 80 फीसदी अस्पताल, झोलाछाप डॉक्टर, एंबुलेंस ड्राइवर, प्रापर्टी डीलर और आसामजिक तत्व चला रहे हैं। लेकिन, विभाग इनकी जांच नहीं कर रहा है।

इस लिस्ट में अधिकांश उन डॉक्टरों के नाम हैं, जिनके नाम पर क्लीनिक और हॉस्पिटल है। ऐसे डॉक्टर क्लीनिक पर मरीज देखते हैं और अपने हॉ‌स्पिटल में भर्ती करते हैं। ऐसे डॉक्टरों के नाम पर अंगुली उठाना गलत है। इसे लेकर नर्सिंग होम एसोसिएशन ने रविवार को बैठक भी की है।

पहले अस्पतालों की जांच करे विभाग
अध्यक्ष डॉ. शिवशंकर शाही ने बताया, स्वास्थ्य विभाग जिस डॉक्टर के नाम पर दो संस्थान मान रहा है। वह एक ही है। सूची में कई ऐसे डॉक्टरों के नाम पर शामिल किए गए हैं, जिनके नाम पर नर्सिंगहोम रजिस्टर्ड है।

जबकि, उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को प्रशासन की मदद से जिले और उसके आसपास के जिलों में चल रहे अस्पतालों की जांच करें, जिससे की फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन करने वाले लोगों की पोल खुल सके।

फर्जी अस्पताल चलाने वालों पर कार्रवाई नहीं
ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। क्योंकि, कई लोग फर्जी तरीके से अस्पताल चला रहे हैं, लेकिन उन पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने से कतरा रहा है। नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ. अमित मिश्रा ने बताया, यदि कोई डॉक्टर किराए के तौर पर अपना नाम किसी अस्पताल में रजिस्टर्ड करता है तो यह गलत है। स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डॉक्टरों एवं फर्जी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करें।

ऐसे रुकेगी धांधली

  • हॉस्पिटल और क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन हर साल होता है। स्वास्थ्य विभाग यह ध्यान दें कि एक डॉक्टर के नाम से केवल एक ही संस्थान रजिस्टर्ड हो।
  • डॉक्टर अपनी डिग्री बेचकर कही और रह रहे हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
  • रजिस्ट्रेशन के बाद हॉस्पिटल मे डॉक्टर का नाम, डिग्री, रजिस्ट्रेशन नंबर, बैठने का समय और फोन नंबर लिखा हो।
  • लिस्ट में 80 प्रतिशत ऐसे अस्पतालों का नाम हैं, जिसे झोलाछाप, एंबुलेंस ड्राइवर, प्रॉपर्टी डीलर और अन्य असामाजिक तत्व चला रहे हैं। ऐसे अस्पतालों की नियमित जांच की जाए कि आखिर वहां कौन डॉक्टर बैठता है।
  • प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों का ऑपरेशन गांव और झोलाछाप डॉक्टरों के यहां हो रहा है। इसमें सुनिश्चित किया जाए कि ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक की फोटो जरूर ली जाए।