कानपुर से दोस्तों संग गोरखपुर घुमने आए प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में वारदात की सुबह (28 सितंबर) को रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह और एक पत्रकार से बातचीत का आडियो सामने आया है। जिसमें आरोपित इंस्पेक्टर अपनी सफाई देते हुए मृतक और उसके दोस्तों पर ही गंभीर आरोप लगाए थे।
खुद की सफाई में बहाना भी ऐसा बनाया कि जिसपर किसी को यकीन करना मुश्किल ही होगा। आडियो में जेएन सिंह से घटना के बारे में पूछे जाने पर उसने बोला कि तीनों ने बहुत शराब पी रखी थी, तीनों नशे में चूर थे। चेकिंग के लिए उठाया गया तो उनमें से एक बेड से खड़ा हुआ और अचानक धड़ाम से गिर पड़ा। जिससे उसकी मौत हो गई।
हम लोग तो निर्दोश हैं भाई!
खुद की सफाई में जेएन सिंह ने यह भी बताया है कि हम लोग निर्दोश हैं। मनीष के गिरते ही हम लोग तो खुद ही सन्न हो गए। तत्काल घायल को अस्पताल ले गए। दरअसल, सामने आए आडियो में एक रिपोर्टर ने इंस्पेक्टर रामगढ़ताल रहे जेएन सिंह को घटना की जानकारी लेने के लिए फोन किया था। जेएन सिंह ने जो कहा, पेश हैं उसके अंश....
रिपोर्टर और आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह की बातचीत...
(नोट: दैनिक भास्कर के पास रिपोर्टर और इंस्पेक्टर के बातचीत की आडियो रिकार्डिंग मौजूद है।)
इंस्पेक्टर के घर अमेठी पहुंची क्राइम ब्रांच, परिवार से की पूछताछ
वहीं, इंस्पेक्टर जेएन सिंह की तलाश में गोरखपुर की एसओजी टीम अमेठी पहुंची है। थाना मुसाफिरखाना के कोतवाल से मिलने के बाद शनिवार देर रात टीम ने इंस्पेक्टर के घर छापामारी की। इंस्पेक्टर के न मिलने पर टीम ने परिवारवालों से जानकारी हासिल करने की कोशिश की। दरअसल, आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के अढनपुर के नारा गांव का निवासी बताया जा रहा है।
घर पर नहीं मिला इंस्पेक्टर
एसओजी गोरखपुर टीम ने इंस्पेक्टर परशुराम ओझा से आरोपी इंस्पेक्टर के संबंध में जानकारी हासिल की। इसके बाद देर रात उसके घर पर छापामारी हुई। हालांकि इस दौरान आरोपी इंस्पेक्टर घर पर नहीं मिला। इंस्पेक्टर परसुराम ओझा ने बताया कि एसओजी गोरखपुर ने इंस्पेक्टर के परिवार से पूछताछ की है।
आसान नहीं होगा जेएन सिंह को पकड़ना!
वहीं, दूसरी ओर पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह को पकड़ पाना इतना आसान नहीं होगा। क्योंकि इंस्पेक्टर जेएन सिंह को क्राइम पर काम करने का महारथी माना जाता था। जिले में जब भी कोई मामला तूल पकड़ता था और बात अधिक बढ़ जाती थी तो मैनेज के लिए जेएन सिंह को ही भेजा जाता रहा है। चाहे वो किसी भी थाने में तैनात रहे हों। जबकि क्राइम वर्क और गुडवर्क के जरिए ही जेएन सिंह सिपाही से इंस्पेक्टर बने।
ऐसे में उन्हें पुलिस और अपराधियों के बारे में हर एक चीज की सटीक जानकारी है। जबकि गुरुवार रात 11.24 बजे के बाद जेएन सिंह ने अपना सभी मोबाइल फोन भी बंद कर दिया है। ऐसे में उसका लोकेशन ट्रेस कर पाना क्राइम ब्रांच के लिए बेहद मुश्किल होगा। जबकि खबर यह भी है कि आरोपी इंस्पेक्टर इस वक्त महाराजगंज जिले के नेपाल बार्डर पर हो सकता है और वह नेपाल वाया दुबई भी जा सकता है।
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