उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय है। लखनऊ में सोमवार की दोपहर से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। अभी भी आसमान में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी समेत 19 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। उधर, गोरखपुर में बीते तीन दिनों से बारिश का सिलसिला आज थम गया, लेकिन शहर की 200 से ज्यादा कॉलोनियों में 2-5 फिट तक पानी भरा हुआ है। लोग छतों, पड़ोंसियों और रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं। कई घर गिर चुके हैं और जलभराव की निकासी के लिए पंपिंग सेट और घर मोटर से पानी पानी निकाल रहे हैं।
19 जिलों में बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सोमवार को बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, मथुरा, आगरा, हाथरस, अलीगढ़, बुलंदशहर, बांदा, फतेहपुर, मुरादाबाद, चंदौसी, एटा, संभल कुल 19 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के डायरेक्टर जेपी गुप्ता ने बताया कि मानसूनी हवाएं लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में सक्रिय हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव का क्षेत्र बना है जो इन हवाओं को जोर दे रहा है। एक सितंबर तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। इस दौरान कुछ स्थानों पर एक से दो बार छिटपुट बारिश हो सकती है।
गोरखपुर: 200 कॉलोनियां और 171 गांवों में जलभराव
गोरखपुर में बाढ़ और बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। बाढ़ ने जहां 171 गांवों और 1.78 लाख की आबादी प्रभावित किया है। वहीं, शहरी इलाके में बारिश बंद होने के बाद भी 200 से अधिक कॉलोनियां जलमग्न हैं। सीएम योगी की पहल पर इन इलाकों की कमान संभालने खुद डीएम विजय किरन आनंद मैदान में हैं। वहीं, नगर निगम के सभी दावे पूरी तरह फेल साबित हिए हैं।
जलभराव से तंग लोग अब सिस्टम के भरोसे नहीं, बल्कि जल निकासी का खुद ही विकल्प तलाश रहे हैं। कहीं उधार के पंप लगाए गए हैं तो कहीं घरेलू मोटर से पानी निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं, कई इलाकों में तो स्थानीय लोगों ने चंदा लगाकर पंप की व्यवस्था की है।
चंदा लगाकर पंप खरीद पानी निकाल रहे लोग
बशारतपुर ओमनगर के रहने वाले गुड्डू कुमार बताते हैं कि इलाके में बीते एक महीने में जलभराव की समस्या है। स्थानीय पार्षद से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। घर में पानी भरे होने की वजह से लोग रिश्तेदारों के घर शरण लिए हुए हैं। सोमवार को थक हारकर स्थानीय लोगों ने चंदा लगाकर दो पंपिंग सेट खरीदे। करीब 80 हजार रुपए के 4 पंप के लिए लोगों ने एक हजार से दो हजार रुपए प्रति व्यक्ति चंदा दिए। इसके बाद इलाके में दो मशीने लगाई गई हैं। बशारतपुर पश्चिमी के रहने वाले बंटी बताते हैं कि हम लोगों ने चंदा लगाकर अब तक 4 पंप लगाया है। इससे पानी निकाला जा रहा है।
टूट सकता है बारिश का रिकॉर्ड
शहर के पश्चिमी छोर बहरामपुर बाले मियां मैदान के केयर टेकर जिया आलम बताते हैं कि गुरुवार से पानी काफी तेजी से बढ़ रहा है। 2017 में इससे भी खराब स्थिति रही है। वे कहते हैं कि पानी इसी तेजी से बढ़ेगा, तो 2017 से भी खराब स्थिति हो जाएगी। हर घंटे के बाद 3 इंच पानी बढ़ रहा है। यहां पर 3000 आबादी प्रभावित है। बैरबगवा और सतुवरिया गांव है। अब स्थिति बहुत खराब है। बहरामपुर और आसपास के इलाके पूरी तरह से डूब चुके हैं।
अभी भी जलमग्न हैं शहर के यह इलाके
गोरखपुर शहर के मेडिकल रोड स्थित राप्तीनगर, राप्ती कॉम्लेक्स से लेकर असुरन, धर्मशाला पुल, गोरखनाथ, रामनगर, इंद्रप्रस्थनगर कॉलोनी, रामजानकी नगर, कौशलपुरम, हड़हवा फाटक, हुमायूंपुर, मोहनापुर, मेडिकल रोड, सिंघड़िया, गणेशपुरम, ओमनगर विश्णुपुरम, गोरक्षनगर, शक्तिनगर, मानस विहार कॉलोनी, पादरी बाजार, वसुंधरा, स्वर्णनगर, आदर्शनगर सहित करीब 200 से अधिक कॉलोनियां अभी भी पूरी तरह से डूबे हुए हैं। इनमें वॉर्ड नंबर-9 और 37 की स्थिति सबसे अधिक खराब है।
बशारतपुर के रहने वाने आकाश और सुधांशु ने बताया कि कई दिनों से इलाके में जलभराव है। इससे महामारी फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है। कई बच्चे यहां के बीमार पड़ चुके हैं। लोग गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। नगर निगम से लेकर प्रशासन तक इसकी शिकायत की जा चुकी है। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
प्रशासन का दावा- 300 से अधिक पंप लगाए गए
डीएम विजय किरन आनंद ने बताया कि शहरी इलाकों में नगर निगम की ओर से पंप लगाकर जल निकासी की जा रही है। अब तक करीब 300 से अधिक पंप लगे हैं। नालों की लगातार सफाई के भी निर्देश दिए गए हैं। वहीं, 171 गांव बाढ़ से घिरे और मैरुंड भी हो गए हैं। 1,78,280 जनसंख्या प्रभावित है। 6,700 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है। इससे इसमें सदर के 40, कैंपियरगंज में 13, सहजनवां में 32, चौरीचौरा में 6, गोला में 53, बांसगांव में 9, खजनी में 18 गांव बाढ़ से घिर गए हैं।
बाढ़ से घिरे गांव में छोटी-बड़ी कुल 321 नाव राहत के लिए उपलब्ध है, जिसमें 248 नाव को लगाया गया है। अब तक 8,103 लोगों का उपचार हुआ। क्लोरीन की 88,243 गोलियां और 15,232 ओआरएस पैकेट बांटे जा चुके हैं। इसके अलावा कुल 10,138 राशन किट का वितरण किया गया है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.