यूपी के गोरखपुर में एक बार फिर कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी वेब में तबाही का मंजर देखने के बाद अब तीसरे वेब का खौफ सताने लगा है। जिले भर में बढ़ती जा रही कोरोना संक्रमितों क्योंकि की लगातार संख्या के साथ ही हेल्थ डिपार्टमेंट के एपिडिमियोलॉजिस्ट (महामारी विशेषज्ञ) के फोरकास्ट में यह निकलकर सामने आया है कि फरवरी 2022 में कोरोना का नया स्ट्रेन ओमिक्रॉन पीक पर होगा। इसके प्रभाव से गोरखपुर में 36 हजार लोग ओमिक्रॉन की चपेट में आएंगे। हालांकि फोरकास्ट में यह भी कहा गया है कि इनमें से 10 फीसदी लोगों को ही हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसके लिए अभी से तैयारियां तेज कर दी हैं।
थर्ड वेव में संक्रमित होने वालों को किया जाएगा एडमिट
दरअसल, बीते दिनों लखनऊ में हुई वर्कशॉप के दौरान प्रदेश भर में कोरोना की संभावित थर्ड वेव से निपटने को लेकर मीटिंग हुई। मीटिंग के दौरान तैयारियों का जायजा लिया गया। इस दौरान गोरखपुर से एसीएमओ डॉ. एके चौधरी भी मीटिंग में शामिल हुए। उन्होंने बताया, कोरोना की थर्ड वेव फरवरी में आ सकती है। एपिडिमियोलॉजिस्ट के फोरकास्ट के अनुसार यह निकलकर आया कि 52,06,059 की आबादी वाले गोरखपुर में 36 हजार लोग कोरोना के नए वैरिएंट की चपेट में आएंगे और कम से कम 10 प्रतिशत लोग हास्पिटल में एडिमट होंगे। लेकिन सिवियरिटी नहीं होगी। साथ ही मरने वालों की संख्या भी बेहद कम होगा।
दूसरे राज्यों से ली है सबक
डॉ. एके चौधरी ने बताया, यह स्टडी इसलिए की गई है क्योंकि दूसरे राज्यों मेंं जिस गति के साथ ओमिक्रॉन के केसेज बढ़ रहे हैं, उस जिले की आबादी के कितने प्रतिशत लोग संक्रमित हो रहे हैं, इसी डाटा के आधार पर गोरखपुर में संक्रमित होने की संभावनाएं तलाशी गईं. जो यहां के लोगों को सजग कर रही है। इसलिए दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी के फार्मूले को अपनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रुप से बाहर निकलने से बचना होगा। वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज अगर किसी ने नहीं ली है तो वह जरूर लें।
थर्ड वेव की तैयारियां जोरों पर
सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया, संभावित थर्ड वेव को लेकर हमारी तरफ से बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, बाईपैप आदि की व्यवस्था है। रेलवे अस्पताल में 200 बेड व स्पोट्र्स कॉलेज में 150 बेड का लेवल वन अस्पताल तैयार किया जा रहा है। अभी जिले में दो कोविड हास्पिटल को शुरू किया जाएगा। एक बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेवल थ्री व टीबी अस्पताल लेवल टू के रूप में संचालित किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज में संक्रमितों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि इनमें कई लक्षण विहीन भी है।
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