गोरखपुर में 'खाकी' की आड़ में क्राइम:3 हजार की वर्दी खरीद क्रिमिन्लस बन जाते पुलिस; कभी लूट करते तो कभी वसूली कर रहे

गोरखपुर2 महीने पहले
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गोरखपुर में बदमाशों ने पुलिस की वर्दी को ही अब जालसाजी का नया हथियार बना लिया है। बदमाश कभी पुलिस की वर्दी में क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, तो कभी नकली पुलिस वाला बनकर वसूली कर रहे हैं। कई बार तो ये पुलिस के हत्थे भी चढ़ जा रहे हैं। कार्रवाई भी हो रही है। बीते 3 दिनों में गोरखपुर में 2 नकली पुलिसवाले पकड़े गए हैं।

बदमाश खाकी को क्यों हथियार बना रहे हैं, यह जानने से पहले कुछ इनके कारनामें पढ़ते हैं...

केस: 1) 3 हजार में वर्दी खरीदकर BCA स्टूडेंट बन गया दरोगा

3 हजार रुपए में वर्दी खरीदकर नकली दरोगा बन गया।
3 हजार रुपए में वर्दी खरीदकर नकली दरोगा बन गया।

रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने अभी बुधवार को एक ठग को गिरफ्तार किया था। जो 3 हजार रुपए में वर्दी खरीदकर नकली दरोगा बन गया। कुशीनगर का मूल निवासी अपूर्व राय यहां रामगढ़ताल इलाके के बगहा बाबा स्थान के पास किराए का कमरा लेकर रहता था।

लेकिन, पुलिस वर्दी पहनकर खुद को दरोगा बताता था। नौकायन पर लगी दुकानों से दरोगा बनकर वसूली करता था। वो ITM गीडा में BCA कर रहा था, लेकिन उसने अपने घर पर बताया था कि वो पुलिस की ट्रेनिंग भी ले रहा है। अपूर्व वर्दी में दो स्टार और साथ में पुलिस का फर्जी आई कार्ड भी रखता था।

केस: 2) वर्दी पहनकर पकड़ा गया तो बोला-रील बनाता हूं साहब!

पुलिस में नौकरी नहीं लगी, तो उसने फर्जी पुलिसवाला बन गया।
पुलिस में नौकरी नहीं लगी, तो उसने फर्जी पुलिसवाला बन गया।

इसी तरह 19 मार्च को शाहपुर इलाके में पुलिस ने एक युवक को पकड़ा। वह पुलिस की वर्दी पहनकर पार्क में रील बना रहा था। काफी देर तक कालोनी वासियों ने उसे देखा और फिर पुलिस को कॉल कर दी। मौके पर पहुंची पुलिस भी एक समय के लिए उस युवक को देखकर चौंक गई कहीं वो असली पुलिस तो नहीं। युवक से पूछताछ में पता चला कि उसका नाम हरिराम है। उसने रील बनाने के लिए पुसिल की वर्दी खरीदी थी।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

  • 24 फरवरी 2023: मुबंई से फ्लाइट से गोरखपुर पहुंचे एक कारोबारी से बदमाशों ने खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर चेकिंग के बहाने 45 हजार रुपए और सोने की अंगूठी लूट लिया।। घटना कैंट इलाके के एयरपोर्ट से रामजानकीनगर जाने के दौरान हुई।
  • 17 फरवरी 2023: कार से घर लौट रहे ऑटो एजेंसी संचालक को जालसाजों ने कहा, उनकी कार से मोबिल गिर रहा है। वह जैसे ही मोबिल चेक करने कार से नीचे उतरे, उतने में जालसाज 3.50 लाख रुपए समेत लैपटॉप, पर्स और चार्जर लेकर फरार हो गए।
  • 19 सितंबर 2022: महेवा मंडी स्थित जमील अहमद फीस एंड कंपनी के मुनीम से बैंक रोड स्थित ICICI बैंक के पास से एक लाख रुपए की टप्पेबाजी सामने आई है।
  • 24 अक्टूबर 2017 : SOG का सिपाही बताकर कोतवाली क्षेत्र में कोलकाता के व्यापारी से 7.50 लाख रुपए लूटे।
  • 27 अक्टूबर 2017 : असुरन के पास खुद को चौकी प्रभारी बताकर एक स्कूल के प्रबंधक की पत्‍‌नी के गहने उतरवा लिए। महंगी ज्वेलरी लेकर शातिर फरार हो गए।
  • 08 नवंबर 2017: रेती रोड पर कानपुर के ट्रांसपोर्टर से तेजनारायण के बैग में रखे 1.56 लाख रुपए की लूट हुई।
  • 06 अक्टूबर 2018 : अलहदादपुर की रहने वाली महिला को बेतियाहाता में रोक कर खुद को पुलिसकर्मी बता गहने उतरवा लिए।
  • 06 जनवरी 2019 : साहबगंज में खुद को STF का सिपाही बता बदमाशों ने किराना व्यापारी के मुनीम से 92 हजार रुपए उड़ा दिए।
  • 13 जनवरी 2019 : सिवान (बिहार) के चश्मा व्यापारी मंजर आलम के कर्मचारी मुन्ना से रेती चौक पर बदमाश ने खुद को पुलिस वाला बताकर 25 हजार रुपए और आठ चश्मे लूट लिए।
  • 02 मार्च 2019 : माया कॉम्पलेक्स के पास व्यापारी की पत्‍‌नी से गहने लूट लिए।
  • 18 मार्च 2019 : कुशीनगर के व्यापारी से नखास रोड पर लूट का प्रयास किया। सावधानी बरतकर वह बच निकला।
  • 04 अप्रैल 2019 : गोलघर में महराजगंज के सर्राफ से पांच हजार रुपये और कपड़े लूटे।
  • 14 जून 2019 : पुलिसकर्मी बताकर बैंक रोड पर महिला से गहनों की लूट हुई।
  • मार्च 2019: राजघाट में गीता प्रेस रोड पर पुलिस वाला बनकर व्यापारी की पत्‍‌नी की चेन, अंगूठी और गहने लेकर फरार हो गए।
  • 01 जुलाई 2019 : भालोटिया मार्केट में सिद्धार्थनगर, उस्का निवासी दवा कारोबारी को झांसा देकर चेकिंग के बहाने बदमाशों ने एक लाख रुपए की लूटपाट की
  • 20 जुलाई 2019 : गीता प्रेस के प्रोडक्शन मैंनेजर लालमणि तिवारी की पत्‍‌नी गीता तिवारी से
जनवरी महीने में पुलिस ने ऐसे ही 3 जालसाजों को अरेस्ट किया था।
जनवरी महीने में पुलिस ने ऐसे ही 3 जालसाजों को अरेस्ट किया था।

सावधान रहने के लिए SSP ने कराया था अनाउंसमेंट
इतना ही नहीं, अभी अगस्त 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक गोरखपुर में पुलिसवाला बनककर जालसाजों ने कई टप्पेबाजी की घटनाओं को भी अंजाम दिया। इसके बाद गोरखपुर SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने फर्जी पुलिस से सभी को सावधान रहने की अपील की थी। शहर से लेकर देहात तक के इलाकों में पुलिस ने पब्लिक को सावधान करने के लिए अनाउंसमेंट कराया था।

गोरखपुर में आधा दर्जन से अधिक दुकानें हैं, जहां पर पुलिस की वर्दी और अन्य सामान मिलते हैं।
गोरखपुर में आधा दर्जन से अधिक दुकानें हैं, जहां पर पुलिस की वर्दी और अन्य सामान मिलते हैं।

कोई भी जाए, इन दुकानों पर मिल जाएगी वर्दी
दरअसल, गोरखपुर में ऐसे जालसाजों के लिए खाकी वर्दी को पाना बेहद आसान और सस्ता है। गोरखपुर में आधा दर्जन से अधिक दुकानें हैं, जहां पर पुलिस की वर्दी और अन्य सामान मिलते हैं। यहां से कोई भी पुलिस की वर्दी 3-4 हजार रुपए में खरीद सकता है। वर्दी खरीदने का प्रॉसेस आसान होने की वजह से ही इसका अब मिसयूज भी होने लगा है। यही वजह है कि इधर हुई कई घटनाओं में नकली पुलिस असली पुलिस के लिए सिर दर्द बनी है।

रेलवे स्टेशन, गोलघर, बक्शीपुर, पुलिस लाइन के सामने और कूड़ाघाट में पुलिस की वर्दी मिलती है।
रेलवे स्टेशन, गोलघर, बक्शीपुर, पुलिस लाइन के सामने और कूड़ाघाट में पुलिस की वर्दी मिलती है।

यहां मिलती है वर्दी
गोरखपुर में आधा दर्जन से अधिक दुकानों पर स्पेशली पुलिस की वर्दी मिलती है। रेलवे स्टेशन, गोलघर, बक्शीपुर, पुलिस लाइन के सामने और कूड़ाघाट में पुलिस की वर्दी मिलती है।

बिना आई कार्ड देखे न दें वर्दी
हालांकि, गोरखपुर के SP सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है, जो भी दुकान है उनको पुलिस की वर्दी देते समय आई कार्ड जरूर देखना चाहिए। कोई वर्दी या पुलिस से संबंधित सामान ले जाता है तो उसका नाम पता रजिस्टर में जरूर दर्ज करना चाहिए। खाकी वर्दी का गलत इस्तेमाल जो भी करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

यहां से कोई भी पुलिस की वर्दी 3-4 हजार रुपए में खरीद सकता है।
यहां से कोई भी पुलिस की वर्दी 3-4 हजार रुपए में खरीद सकता है।

अब एक नजर पुलिस वर्दी के रेट पर

  • वर्दी- 3500-4000
  • टोपी- 400
  • पुलिस बैज- 70
  • फ्लैप बाजू बैंड- 70
  • 4 स्टार- 300
  • डोरी सिटी- 150
  • बेल्ट- 500
  • जूता- 1500-1600
  • मोजा- 150
  • पिस्टल डोरी- 100
  • नेम प्लेट- 60-100
  • UPP बैच- 40-50