चाइनीज मांझा से कटी बिजलीकर्मी की गर्दन:गोरखपुर में ड्यूटी कर घर लौट रहा था, अचानक फंसा मांझा; गर्दन में लगे 17 टांके

गोरखपुर2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

गोरखपुर में बैन चाइनीज मांझे से एक बिजलीकर्मी घायल हो गया। राह चलते अचानक उनकी गर्दन में चीनी मांझा फंस गया, जिसकी वजह से गर्दन कट गई और गहरा घाव हो गया। राहगीरों ने आनन-फानन घायल बिजलीकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया। घायल की गर्दन में 17 टांके लगे हैं। हालत नाजुक बनी हुई है। घटना मंगलवार की शाम गोरखनाथ इलाके के तरंग क्रॉसिंग की है।

हुमायूंपुर उत्तरी के रहने वाले विजय प्रकाश चौधरी बिजली विभाग में काम करते हैं। मंगलवार की शाम वे ड्यूटी पूरी कर घर जा रहे थे। वह अलीनगर से तरंग क्रॉसिंग पुल पर पहुंचे थे कि उनके गले में पतंग का मांझा फंस गया। अभी वह कुछ समझ पाते तब तक उनकी गर्दन कट गई और उससे तेजी से खून बहने लगा। जिसके बाद राहगीरों की मदद से उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

घायल बिजलीकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घायल बिजलीकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी सिंह का कहना है, चाइनीज मांझा पूरी तरह से प्रतिबंधित है। अगर किसी को भी इसकी बिक्री होने की जानकारी मिलती है तो इसकी जानकारी प्रशासन काे दें। तत्काल कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुलिस को भी निर्देश दिया जाएगा कि संबंधित थाना क्षेत्र में निगरानी करें कि चीनी मांझे की बिक्री न हो।

दो दिन में दूसरी घटना
अभी दो दिन पहले चीनी मांझे से हुमायूंपुर में ग्रीन सिटी निवासी ईशानंद पांडेय भी घायल हो गए थे। सोमवार को ईशानंद पांडेय तिवारीपुर में दुर्गा जी का पाठ करने जा रहे थे। इसी दौरान मांझे की चपेट में आ गए। नाक पर गहरा घाव हो गया। तत्काल परिचितों ने उन्हें डॉक्टर के पास ले जाकर इलाज कराया।

बिक्री पर नहीं लग सका प्रतिबंध
वहीं, पतंग उड़ाने का शौक राहगीरों के लिए मुसीबत बन गया है। पतंगबाजी के लिए बाजारों में धड़ल्ले से चीनी मांझा बिक रहा है। जबकि, यह प्रतिबंधित है। कटने के बाद सड़कों और छतों पर गिरने वाली पतंगों में लगे चीनी मांझे में उलझकर लोग और पंछी भी घायल हो रहे हैं, लेकिन इसकी बिक्री पर प्रतिबंध सख्ती से लागू नहीं हो पा रहा है।

ऐसे बनता है चाइनीज मांझा
जानकारों के मुताबिक, चीनी मांझे को नायलाॅन और मैटेलिक पाउडर से मिलाकर बनाया जाता है, जो की काफी लचीला होता है। पतंग के पेच लड़ाते समय यह आसानी से कटने के बजाय खिंच कर और बढ़ जाता है। साथ ही सामान्य डोर से बने मांझे से सस्ता होने के चलते भी लोग इसे खरीदते हैं। पतंग कटने के बाद यह मांझा पंछियों के साथ ही दो पहिया वाहन चालकों के हाथ और गले में फंसकर उन्हें घायल करता है, कई मामलों में तो इससे लोगों की जान भी जा चुकी है।

2017 में लगी थी पाबंदी
हालांकि, साल 2017 में NGT ने चीनी मांझे पर पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद कहा गया था कि चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट (पर्यावरण संरक्षण अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जाए। यदि किसी के खिलाफ इस अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी तो उसे पांच साल की सजा या एक लाख जुर्माना तक हो सकता है। लेकिन, इस पर कार्रवाई नहीं की जाती है। इसकी एक वजह यह भी है कि कोई आगे आता नहीं और इसकी खरीद-फरोख्त करने वाले इसका फायदा उठाते हैं।

पहले भी हुईं हैं घटनाएं

  • 12 जनवरी 2023 को सूरजकुंड निवासी बबलू मैकेनिक 12 जनवरी को बाइक से विजय चौक के पास स्थित अपनी दुकान जा रहे थे। सूरजकुंड फ्लाईओवर पर गले में कुछ फंसा महसूस हुआ। बाइक रोके तब तक मंझा गले में फंस गया। हाथ से खींचने पर उनकी अंगुली कट गई। घबराकर वह वहीं पर बैठ गए थे, राहगीरों ने अस्पताल पहुंचाया था।
  • 23 दिसंबर 2022 को सीए फाइनल की छात्रा मेहता घायल हो गईं थीं। वह स्कूटी से जा रही थीं और तरंग क्रॉसिंग के पास ही मंझे में फंसकर उनकी गर्दन कट गई थी। उन्होंने घर पर फोन करके बताया, जिसके बाद उनके परिजन उन्हें अस्पताल ले गए और इलाज कराया।
  • 16 जनवरी 2023 को मोहद्दीपुर में राजीव कुमार चीनी मंझे की चपेट में आने से घायल हो गए। वह बाइक से मोहद्दीपुर चौराहे की तरफ जा रहे थे। तभी रास्ते में उनकी बाइक में मंझा फंस गया। जब तक वह बाइक रोकते, तब तक उनकी अंगुली कट गई। अंदर तक घाव होने की वजह से जिला अस्पताल में डॉक्टर ने उन्हें नौ टांके लगाए थे।
  • 2021 में नौसड़ के पास खजनी के संजय निगम की गर्दन चीनी मांझे में फंसकर कट गई थी। उन्हें जिला अस्पताल लाया गया। वहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। वहां चार दिन इलाज के बाद उनकी जान बच सकी थी।
खबरें और भी हैं...