गोरखपुर सदर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद गोरखपुर पहुंच गए हैं। चुनावी कैंपन शुरू करने के साथ ही चंद्रशेखर ने यहां एक पुलिस प्रताड़ना से तंग पीड़ित महिला की मदद कर हुंकार भरी। नाम के आगे 'रावण' शब्द लगने के सवाल पर कहा कि यह नाम मीडिया ने मेरा क्यों और कब रख दिया, मैं नहीं जानता, लेकिन नाम से नहीं, बल्कि इंसान की प्रवृति कहीं ज्यादा मायने रखती है। जरूरी नहीं जिसका नाम योगी हो, उसकी प्रवृति साधू-संत वाली ही होती है।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'अक्सर देखा जाता है कि ऐसे नामों की प्रवृति उसके ठीक उलट क्रूर होती है। मेरे पिता ने तो मेरा नाम देशभक्त चंद्रशेखर आजाद और मेरे भाई का नाम भगत सिंह रखा था, लेकिन मैंने झूठ के खिलाफ आवाज उठाई तो योगी ने मेरे ऊपर झूठे मुकदमों की बौछार कर मुझे अपराधी बना दिया। जैसे उनका नाम और काम दोनों बेहद अलग है, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ठीक उसी तरह मेरे नाम और मेरे काम भी दोनों अलग हैं। इसलिए नाम से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे ही तमाम चुनावी सवालों का चंद्रशेखर आजाद ने बेबाकी से जवाब दिया।
पेश है दैनिक भास्कर से चंद्रशेखर आजाद की बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके ही गढ़ में कैसे टक्कर देंगे?
जवाब : लोकतांत्रिक देश या प्रदेश में किसी का कोई गढ़ नहीं होता। न योगी इस शहर के मालिक हैं और न ही यहां की जनता उनकी गुलाम। जिस गढ़ की बात की जा रही है, वहीं वे मुख्यमंत्री रहते हुए उपचुनाव भी हार चुके हैं। यह जनता तय करेगी कि गोरखपुर किसका गढ़ है। जिस तरह की तानाशाही और अमर्यादित भाषा जनता बीते 5 साल से देख और सून रही है, वो घमंड और अहंकार इस बार टूट जाएगा। जिसे वे अपना गढ़ समझ रहे हैं, वे इस बार भी यहां से हारने जा रहे हैं।
सवाल: गुरु गोरक्षनाथ की धरती से चुनाव मैदान में उतरे हैं, क्या नामांकन से पहले गोरखनाथ का आशीर्वाद लेने जाएंगे?
जवाब: न ही मैं मंदिर- मस्जिद की राजनीति और धर्म की लड़ाई करता और न ही ऐसे पचड़ों में पड़ता हूं। संतों और महापुरुषों का आशीर्वाद मेरे ऊपर हमेशा से है। अगर एक गरीब एक बेटा अपनी लड़ाई इन तानाशाहों से डटकर लड़ रहा है तो यह संतों और महापुरुषों का ही आशीर्वाद है। हम अंबेडकरवादी लोग हैं। लोकतंत्र पर मेरा विश्वास है। मेरा प्रयास जनता तक पहुंचना और उनकी समस्याओं को जानना है। क्योंकि मुख्यमंत्री ने बीते 5 साल में जो किया है, वो विकास नहीं विनास किया है। जिन लोगों ने सीएम के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें इसका क्या खामियाजा भुगतना पड़ा, मैं यह सब जनता के सामने रखूंगा।
सवाल: किन मुद्दों को लेकर आप जनता के बीच जाएंगे और क्या वायदे कर उनसे वोट मांगेंगे?
जवाब: अभी जब आज मैं गोरखपुर पहुंचा तो एक बुजुर्ग मां रोते हुए मेरे पास आई। उसे चोट लगी हुई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी मदद करने की बजाय भगा दिया। मैंने पुलिस से बात कर उसकी मदद कराने की कोशिश की। अभी तीन दिन पहले यहां दो बच्चों की लाश मिली थी। दोनों 18 दिन से गायब थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें खोजा नहीं, सीधा उनकी लाश मिल गई। परिवार के लोग घटना के खुलासे पर भी सवाल उठाकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मेरे यहां कदम रखने से पहले ही एक महिला की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। क्या इसी रामराज और कानून व्यवस्था का प्रदेश भर में डंका पीटा जाता है? इसका अंत होगा।
सवाल: आपने कहा है कि आपको ब्राह्मण और ठाकुरों के वोट नहीं चाहिए?
जवाब: मुझसे एक इंटरव्यू में सवाल पूछा गया कि आपको ब्राह्मण और ठाकुरों के वोट तो मिलेंगे नहीं? मैंने कहा कि यह लोकतंत्र है, अगर आज भी जाति व्यवस्था इतने बड़े पैमाने पर काबिज है। अगर लोग काम देखकर नहीं जाति देखकर वोट करेंगे तो ऐसे लोगों के वोट हमें नहीं चाहिए। मैं फिर कह रहा हूं कि मुझे सामंतवादियों और मनुवादियों के वोट नहीं चाहिए। मुझे उन उन लोगों के वोट चाहिए, जोकि चाहते हैं कि तानाशाही और अहंकारी जो सत्ता के नशे में चूर हैं, जो लोग चाहते हैं कि ऐसे लोग यहां से न चुनकर जाएं, मुझे उनके वोट चाहिए। समाज के ऐसे लोगों से मेरी अपील है कि मुझे वो वोट करें।
सवाल: जनता के बीच आप अपनी किन बातों को रखेंगे, जिसका असर सीधा आपके वोट पर पड़ेगा?
जवाब: मैं यह देश को बताते जा रहा हूं कि गोरखपुर की काल्पनिक और वास्तविक हकीकत क्या है। जो गुजरात मॉडल हमने चुना था उसका खामियाजा आ देश भुगत रहा है। वैसे ही गोरखपुर मॉडल की सच्चाई को उत्तर प्रदेश की जनता जान चुकी है। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल में सत्ता का दुरुपयोग कर न्याय नहीं बल्कि अन्याय को बढ़ावा दिया है। एक जाति वर्ग को संरक्षण दिया है, जोकि यहां की जनता भुगत रही है। अब जनता इस बार इस खामियाजे का जवाब देगी।
सवाल: किन काले चिट्ठों को आप खोलने की बात कर रहे हैं?
जवाब: मैं जहां जाता हूं वहां बड़े- बड़े बीजेपी के प्रचार के होल्डिंग लगे होते हैं। जनता की गाढ़ी कमाई का जिनता पैसा बीजेपी प्रचार में खर्च कर रही है, अगर उनता विकास पर खर्च की होती तो आज हकीकत कुछ और होती। मैं यह जनता को बताने जा रहा हूं कि उत्तर प्रदेश में विकास के नाम पर खोखले दावों का सच क्या है। उत्तर प्रदेश में जो लोकापर्ण हुए हैं, वो काम हकीकत में कितने हुए हैं, यह सब मैं जनता के सामने रखने जा रहा हूं। ताकि लोगों को पता चल सके कि बीजेपी की कथनी और करनी में कितना अंतर है।
सवाल: चुनाव में किन लोगों को लेकर आप चलेंगे और किन लोगों का समर्थन लेंगे?
जवाब: जो भी मुख्यमंत्री और सरकार द्वारा सताए गए लोग हैं, जो भी गरीब और परेशान हैं, जिनके साथ अन्याय हुआ लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। इन सबको साथ लेकर चलेंगे। हमारा मुदृदा एजुकेशन, हेल्थ और रोजगार होगा। मैं अगर विधायक बना तो गोरखपुर का हर व्यक्ति अपने आप में विधायक होगा। किसी को विधायक या नेता के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। हमें बीजेपी के लोगों से राष्ट्रवाद सीखने की जरूरत नहीं है। यह देश और प्रदेश हमारा है। जो जनता के साथ छल हो रहा है, वो उसे समझकर इस बार निर्णय लेने जा रहे हैं।
सवाल: कई छोटे- बड़े दल आपको समर्थन देने की बात कर रहे हैं, किन लोगों का समर्थन फाइनल हो चुका है?
जवाब: जिन लोगों से साथ लड़ने का समर्थन फाइनल होता जाएगा, मैं सब कुछ सामने करता रहूंगा। कई लोगों से मेरी बातचीत चल रही है, लेकिन अभी अगर मैंने बता दिया तो बाबा जी उनके पीछे पड़ जाएंगे और अपनी पुलिस लगा देंगे, जिससे मुझे समर्थन करने वाले लोगों को दिक्कत हो सकती है। जिन लोगों ने समर्थन की बात की है, वो सब मैं समय- समय पर सबके सामने लाता जाउंगा।
सवाल: इस बार बीजेपी विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल का टिकट कट गया। क्या आप उनका समर्थन भी लेंगे?
जवाब: मैंने उनको सुना था, जब गोरखपुर की बेटी प्रियंका भारती की संदिग्ध मौत हुई थी तो सबसे पहले उन्हीं विधायक ने इस पर सवाल उठाया था। उन्होंने ही सबसे पहले बताया था कि प्रियंका की हत्या की गई है, उसने आत्महत्या नहीं की। इसके लिए मैं उनका धन्यवाद दूंगा। उनके इसी तरह के सवाल उठाए जाने का खामियाजा आज वे भुगत रहे हैं। इसलिए लिए बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया। जो भी आज तक सताया गया है, जिसने भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है, मैं उन सभी से समर्थन की अपील करता हूं। करना न करना उन पर निर्भर है।
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