लखीमपुर में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के विरोध में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिरफ्तारी का सोमवार को गोरखपुर में भी जमकर विरोध हुआ। सपा प्रमुख की गिरफ्तारी से सपा कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए और बेतियाहाता स्थित कार्यालय से पैदल मार्च निकला। इस दौरान कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। आक्रोशित कार्यकर्ता पैदल मार्च निकालते हुए कलेक्ट्रेट परिसर स्थित डीएम कार्यालय पहुंचे और वहां पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद यहां माहौल गर्म हो गया।
सपा प्रमुख की गिरफ्तारी का सपाईयों ने जताया विरोध
निवर्तमान जिला अध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और विरोध जताया। नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान किसानों की हुई मौत के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव किसानों से मिलने जा रहे थे, इसी दौरान उनकी गिरफ्तारी हो गई। इसके विरोध में आज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आक्रोशित हैं। भाजपा सरकार में अवाज उठाने वालों की आवाज को दबा दिया जाता है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और मुख्यमंत्री को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गाड़ी से किसानों को कुचल कर उनकी हत्या की गई है। ऐसे में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता यह मांग करते हैं कि सरकार को बर्खास्त किया जाए। कुछ ही देर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता यहां डीएम को ज्ञापन भी सौंपेंगे। जिसमें उनकी चार मांगे प्रमुख हैं।
यह है मांगे
किसान यूनियन ने भी शुरू किया प्रदर्शन
सपा के साथ ही गोरखपुर में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। जिला अध्यक्ष सतीश चंद्र ओझा ने कहा किसानों की हुई हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। पीड़ित परिवार को एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।
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