नंदी, भोले, गौरी और श्यामा को योगी का दुलाार:गोरखनाथ मंदिर में गायों संग वक्त गुजारे, अपने हाथों से खिलाया गुड़-चना

गोरखपुर6 महीने पहले

गोरखपुर में सीएम योगी ने बुधवार को तंदुए के शावक को गोद में लेकर दूध पिलाने का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर गुरुवार को गौ प्रेम दिखाई दिया। सीएम ने गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में गौसेवा की।

गाय, बैल, बछडों को उनके नाम से (नंदी, भोले, गौरी, श्यामा आदि) बुलाया और दुलारकर अपने हाथों से गुड़-चना खिलाया। सीएम योगी का दुलाार देख ये गौवंश भाव विह्वल और निहाल दिखे।

सीएम योगी का दुलाार देख ये गोवंश भाव विह्वल और निहाल दिखे।
सीएम योगी का दुलाार देख ये गोवंश भाव विह्वल और निहाल दिखे।

जयपुर रवाना हुए सीएम योगी
दरअसल, दशहरा के पारंपरिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए रविवार शाम से गोरखनाथ मंदिर में प्रवास कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार सुबह जयपुर रवाना हो गए। गुरुवार को जयपुर में स्मृतिशेष पंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र की श्रद्धांजलि सभा और उनके उत्तराधिकारी की चादरपोशी के कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।

सीएम ने गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में गोसेवा की।
सीएम ने गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में गोसेवा की।

गुरू गोरक्षनाथ का लिया आशीर्वाद
इससे पहले उन्होंने गुरुवार सुबह शिवावतारी गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेका। इसके बाद मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गोशाला पहुंचे।

गायों, बैलों और बछडों को एक-एक कर उनके नाम से पुकारा। योगी की आवाज पर गोवंश झूमते हुए उनके पास चले आए। सीएम ने उन्हें अपने हाथों से गुड़-चना खिलाया, उनके मुख को प्यार से सहलाया। योगी कुछ देर तक उन्हें दुलारते हुए बात भी करते रहे। गोवंश भी उनके पास ऐसे मगन रहे मानो उनकी सारी बात को समझ रहे हों।

विजयदशमी मनाने गोरखनाथ मंदिर आई चार साल की मासूम दिव्यांशी को सीएम ने अपने पास बुलाया।
विजयदशमी मनाने गोरखनाथ मंदिर आई चार साल की मासूम दिव्यांशी को सीएम ने अपने पास बुलाया।

योगी बाबा से मिल चहक उठी मासूम दिव्यांशी
इसके पहले बुधवार सुबह भी मुख्यमंत्री ने गोसेवा की थी। साथ ही अपने प्रिय श्वान कालू व गुल्लू को दुलारा था। गुल्लू को दुलारते समय गोवा से परिवार के साथ विजयदशमी मनाने गोरखनाथ मंदिर आई चार साल की मासूम दिव्यांशी को सीएम ने अपने पास बुलाया।

उसके स्नेह और आशीर्वाद देते हुए उसके मासूम सवालों का भी जवाब दिया। 'योगी बाबा' से मिलकर और उनसे हुए आत्मीय संवाद से दिव्यांशी की खुशी का ठिकाना नहीं था।