कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सोमवार को शासन के निर्देश पर माकड्रिल किया गया। इस दौरान गोरखपुर के नंदानगर टीवी अस्पताल में तैयारियों की सच्चाई पता लग गई। संक्रमित इंदिरा पुरम निवासी 24 वर्षीय नीलेश चौहान, यहां विलंब से पहुंचा, कारण यह कि जाम में उसकी एंबुलेंस फंस गई थी। संक्रमित इलाज के लिए अस्पताल जाने के लिए 12 बजे निकला लेकिन सोमवारी जाम में फंस गया और दोपहर 3.30 बजे वह टीबी अस्पताल पहुंचा। वहीं अस्पताल के कर्मचारियों के लापरवाही से इलाज में भी 10 मिनट की देरी हुई।
हेल्प डेस्क पर पहले गया मरीज
सबसे पहले मरीज को हेल्प डेस्क पर ले जाया गया। वहां नाम पता नोट करने के बाद उसे स्ट्रक्चर से ले जाया गया। पीपीई किट में मौजूद चिकित्साकर्मी ने उसका थर्मल स्कैनर से चेक किया और पल्स नापा। स्थित गंभीर होने पर उसे पीआईसीयू वार्ड में ले जाया गया और आक्सीजन की सुविधा दी गई।
एंबुलेंस आने में हुई देरी
कोविड के तीसरी लहर विशेष कर बच्चों पर प्रभाव को देखते हुए सौ बेड क्षयरोग सह सामान्य अस्पताल के बालरोग विभाग में बीस बेड का वेंटिलेटरयुक्त आईसीयू वार्ड और बीस बेड का जनरल वार्ड स्थापित किया गया है। आज वार्ड की सक्रियता को परखने के लिए माक ड्रिल का आयोजन किया गया। अपर निदेशकचिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण डॉ रमेश गोयल, और डब्लू एचओ अधिकारी डॉ संदीप पाटिल के देख रेख में संभावित कोविड 19 माक ड्रिल पर नजदीकी नजर बनाए रखा। सीएमएस ने बताया की शहर मे जाम लगने के कारण एम्बुलेंस आने मे थोड़ी देर हो गया है। स्वास्थ्य पूरी ततपरता से काम कर रहा है।
माक ड्रील के दौरान डीएससो डॉ एके चौधरी,डा. एके वर्मा (सीएमएस), डा. त्रिगुण, डा. आशुतोष, डा. राकेश पांडेय, डा. एन के द्विवेदी, डा. अभिषेक राय, एच आर त्रिपाठी, शैलेश गुप्ता ,सत्यम कुमार, गीता श्रीवास्तव, पूजा शर्मा, सोनम उपाध्याय स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
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