गोरखपुर में दिखाई गई 'द गंगा रिवर डॉल्फिन' फिल्म:18 मिनट में दर्शक देखे- कैसे गंगा हमारी सांस्कृतिक और अध्यात्मिक विरासत

गोरखपुर6 महीने पहले
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गोररखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान में वाइल्ड लाइफ वीक अंतर्गत 6वें दिन प्रख्यात पर्यावरविद् माइक हरि गोविंद पाण्डेय की गंगा डॉल्फिन पर निर्मित पुरस्कृत वृत्तचित्र,‘ट्रब्ल्ड वाटर्स, द गंगा रिवर डॉल्फिन स्टोरी’ फिल्म दिखाई गई।

18 मिनट की इस फिल्म को सभी ने प्रभावशाली, ज्ञानवर्धक और विचारोत्तेजक बताया। हालांकि पहले से प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक सुबह बारिश के कारण डॉल्फिम साइटिंग का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

प्रदूषण नदियों के लिए चुनौती
फिल्म में बताया गया कि किस कदर गंगा हमारी सांस्कृतिक, अध्यात्मिक विरासत हैं। हम सब को कैसे भावनात्मक रूप से जोड़े हुए हैं। इस नदी पर लाखों लोगों का जीवन और पोषण निर्भर हैं लेकिन बदलती जलवायु, जलीय जीव के आवास को पहुंचती क्षति, प्रदूषण नदियों के लिए चुनौती है। सकंट का सामना कर रही नदियों के साथ उनमें रहने वाले जलीय जीव भी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

गंगा नदी डॉल्फिन भी खतरे में है
पृथ्वी पर सबसे दुर्लभ प्रजातियों में से एक गंगा नदी डॉल्फिन भी खतरे में है। फिल्म निर्माता माइक हरिगोविंद पाण्डेय ने की यह फिल्म गंगा नदी, डॉल्फिन और अन्य जीव प्रजातियों पर प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभाव को दर्शाती है।

फिल्म के प्रदर्शन में प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच राजा मोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह, डॉ अरुण यादव, प्रशासनिक अधिकारी राजीव यादव, डिप्टी रेंजर रोहित सिंह, हेरिटेज फाउंडेशन के मनीष चौबे, पशु कल्याण मित्र शिवेंद्र यादव, वासुकीनाथ समेत अन्य मौजूद रहे।