होली खत्म होते ही गोरखपुर में गर्मी का सितम शुरू हो गया है। लगातार बढ़ रहे टेंप्रेचर और उमस भरी गर्मी पर जल्द ही एक बार फिर ब्रेक लग सकता है। क्योंकि, वेस्ट के पहाड़ों पर हो रहे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से गोरखपुर और आसपास के इलाकों में मौसम का मिजाज बदल जाएगा।
17 मार्च तक इसके सक्रिय होने की संभावना है। 18 मार्च को जब यह उत्तराखंड के पहाड़ों से होकर तिब्बत की ओर बढ़ेगा तो 19- 20 मार्च को गोरखपुर और आसपास के इलाकों में गरज- चमक और तेज हवा के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। हालांकि, बारिश होने से जहां लोगों को थोड़ी राहत महसूस होगी। वहीं, तेज हवा और अधिक बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है।
18 मार्च से शुरू होगी बादलों की आवाजाही
मौसम वैज्ञानिक डॉ. कैलाश पांडेय के मुताबिक, यह बारिश गोरखपुर के बढ़ते टेंप्रेचर पर न केवल ब्रेक लगाएगी, बल्कि मैक्सिमम टेंप्रेचर को दो डिग्री सेल्सियस तक गिराएगी। आसमान में बादलों के जमे रहने के चलते मिनिमम टेंप्रेचर में गिरावट दर्ज नहीं की जाएगी। बादलों के आने का सिलसिला 18 मार्च से शुरू हो जाएगा। 18 मार्च को कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबादी भी हो सकती है।
50% हिस्से में हो सकती बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, 19- 20 मार्च को गोरखपुर के 50% हिस्से में 2 से 3 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। हालांकि, इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता कम होते ही गोरखपुर और आसपास के जिलों में टेंप्रेचर बढ़ने का सिलसिला एक बार फिर फिर शुरू हो जाएगा।
हवा से नुकसान होगी गेहूं की फसल
वहीं, गोरखपुर के उप कृषि निदेशक अरविंद सिंह ने बताया, हल्की बारिश गेहूं की फसलों के लिए लाभदायक होगी, लेकिन तेज बारिश के साथ हवा चलने पर खेतों में तैयार फसल के दाने काले हो सकते हैं। खड़ी फसल गिर जाएगी। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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